उप्र में एक नवंबर से अधिकारियों के तबादले पर लगेगी रोक

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मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन तक प्रभावी रहेगी
लखनऊ। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान 1 नवंबर से शुरू होगा। मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान शुरू होने के साथ ही प्रदेश में अधिकारियों के तबादलों पर रोक लग जाएगी। आयोग की पूर्व अनुमति के बगैर जिलाधिकारी से लेकर ब्लाक स्तर तक के अधिकारियों के तबादले नहीं किए जा सकेंगे। यह रोक 5 जनवरी 2022 तक मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन तक प्रभावी रहेगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूचियों के संक्षिप्त पुनरीक्षण का कार्य 1 नवंबर से प्रारंभ होगा। इसी के साथ ही डीएम से लेकर ब्लाक स्तर तक के अधिकारियों और बूथ लेविल आफीसर्स (बीएलओ) के तबादलों पर रोक भी प्रभावी हो जाएगी।
इन दौरान जिन अधिकारियों के तबादले नहीं किए जा सकेंगे उनमें डीएम, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, बीडीओ, चकबंदी अधिकारी तथा सहायक चकबंदी अधिकारी और बीएलओ शामिल हैं। अपरिहार्य परिस्थितियों में किसी अधिकारी का स्थानांतरण करने के लिए शासन को आयोग की पूर्व अनुमति लेनी होगी। इसके लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी को प्रस्ताव भेजा जाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी इसे अपनी संस्तुति के साथ आयोग को भेजेंगे और आयोग की हरी झंडी मिलने के बाद ही स्थानांतरण आदेश जारी किया जा सकेगा।

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