गिरफ्तारी के खिलाफ आक्रोशित सपा नेताओं ने घेरा थाना, हंगामा

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कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के कार्यालय में  तोड़फोड़ का मामला

कानपुर। कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के कार्यालय में जबरन घुसने और तोड़फोड़ करने के मामले में रविवार को पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इस पर आक्रोशित समाजवादी पार्टी के नेताओं ने चकेरी थाना घेरकर हंगमा शुरू कर दिया है। तनाव के देखते हुए आसपास के थानों का फोर्स बुला लिया गया है। शनिवार को बेरोजगारी, महंगाई और विकास कार्य नहीं होने का आरोप लगाकर सपाइयों ने कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के कार्यालय में जमकर हंगामा किया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने रोका तो दोनों ओर से झड़प होने लगी। मारपीट की नौबत के बीच हाथापाई शुरू होने लगी। पुलिस ने लाठियां पटककर सपा कार्यकर्ताओं को खदेड़ा तब जाकर मामला शांत हो सका। दो नामजद समेत 300 अज्ञात के खिलाफ चकेरी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। शनिवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक पुलिस इस मामले में छह लोगों को हिरासत में लिया।
बताया जाता है कि सपा नेता फतेह बहादुर सिंह गिल दोपहर को दो दर्जन से अधिक साथियों के साथ सतीश महाना को फूल और तिरंगा भेंट करने जा रहे थे। मंत्री के कार्यालय में पहले से ही बड़ी संख्या में भाजपाई भी मौजूद थे। उन्होंने सपाइयों को अंदर जाने से रोका तो विवाद होने गया। देखते ही देखते हंगामा और नारेबाजी शुरू हो गई। सड़क पर जाम लग गया। दोनों ओर से बवाल शुरू होता, इससे पहले ही भारी पुलिस फोर्स पहुंची और हंगामा कर रहे लोगों को लाठी लेकर दौड़ा दिया। एसीपी कैंट मृगांग शेखर ने बताया कि मामला शांत हो गया। महाना का कहना था कि बिना किसी सूचना के सपाई जबरन कार्यालय में घुसकर अभद्रता कर रहे थे। इस पर कार्यकर्ताओं से विवाद हुआ। कहा कि ये सभी सपा के गुंडे थे। यदि किसी को विकास कार्य की जानकारी करनी है तो वह अपने नेता से कहे कि उनसे विधानसभा में पूछे। उधर, फतेह बहादुर ने आरोप लगाया कि भाजपाइयों ने उनके साथ अभद्रता की है।
चकेरी चौकी प्रभारी की तहरीर पर पुलिस ने फतेह बहादुर, अजीत यादव समेत 300 सपाइयों पर मुकदमा दर्ज किया है। इसमें सेवन सीएलए, कोरोना महामारी अधिनियम, 147, 332, 353, 452 समेत 13 धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। चकेरी इंस्पेक्टर ने बताया कि कार्रवाई की जा रही है।

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