उत्तर प्रदेश की शुगर इंडस्ट्री को झटका

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भारत पेट्रोलियम ने 477 करोड़ लीटर एथनॉल खरीद के टेंडर से यूपी को किया बाहर
किसानों के भुगतान पर पड़ेगा असर
लखनऊ। एथनॉल उत्पादन की तरफ आगे बढ़ रही उत्तर प्रदेश की शुगर इंडस्ट्री को करारा झटका लगा है। भारत पेट्रोलियम ने 477.50 करोड़ लीटर एथनॉल खरीद के लिए निकाले गए टेंडर में यूपी को शामिल ही नहीं किया है। इससे यूपी की शुगर इंडस्ट्री सकते में है और भविष्य पर संकट बताते हुए भारत सरकार को पत्र भेजा है।
भारत पेट्रोलियम ने 27 अगस्त को एक टेंडर जारी किया हैं जिसमें विभिन्न राज्यों से एथनॉल की खरीद के लिए निविदाएं मांगी गई हैं। इसमें यूपी को छोड़कर सभी राज्यों को शामिल किया गया है। तमिलनाडु से सबसे ज्यादा 97 करोड़ और मिजोरम-सिक्किम से सबसे कम एक-एक करोड़ लीटर एथनॉल की खरीद इसमें शामिल की गई है।
अनाज से बनने वाले एथनॉल को तरजीह
सरकार की नीति के मुताबिक ऑयल कंपनियां उन राज्यों से एथनॉल लेने की तैयारी कर ही हैं जहां अनाज से इसका उत्पादन किया जाता है। यूपी में इसका उत्पादन गन्ने से होने के कारण इसे टेंडर में शामिल नहीं किया गया है। हालांकि ऐसे कई राज्यों को शामिल किया गया है जहां शीरे से एथनॉल बनता है पर उनके लिए एथनॉल की मात्रा काफी कम तय की गई है। जैसे महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य से मात्र दो करोड़ लीटर की खरीद की बात रखी गई।
एथनॉल उत्पादन से प्रदेश की शुगर इंडस्ट्री को काफी लाभ है। प्रतिवर्ष लगभग पांच हजार करोड़ रुपये का एथनॉल इस इंडस्ट्री के जरिए बनाया जा रहा था। इस लाभ से गन्ना किसानों के भुगतान में आसानी होती है। ऐसे में यदि एथनॉल की बिक्री प्रभावित हुई तो इसका असर किसानों पर भी पड़ेगा।
इस बाबत हमारी बात चल रही है। ये टेंडर उन क्षेत्रों के लिए निकाले गए हैं जहां एथनॉल का उत्पादन कम है और इसे बढ़ावा देना है। हमारा टेंडर बाद में जारी हो जाएगा। इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है।

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