उप्र विधान सभा की वेबसाइट हैक

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हैकर्स ने वेबसाइट पर डाली आपत्तिजनक पोस्ट, मुकदमा दर्ज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल मतदाताओं में सेंधमारी के प्रयास में लगे हैं तो अन्य सेंधमार भी अपने रास्तों की तलाश में हैं। भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक करने के बाद अब उत्तर प्रदेश विधानसभा की वेबसाइट को हैक किया गया है। साइबर क्राइम करने वाले किसी बैंक, बड़ी संस्था तथा निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक करने के बाद अब और आगे भी बढ़ गए हैं। हैकर्स ने अब उत्तर प्रदेश विधानसभा की वेबसाइट को हैक किया है। इतना ही नहीं इन लोगों ने आपत्तिजनक पोस्ट भी डाली है। इस मामले की जानकारी होने पर यूपी डेस्को ने साइबर थाना लखनऊ में केस दर्ज कराया है।
साइबर क्राइम में लिप्त लोगों के हौसले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। बीते दिनों निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक कर सैकड़ों फर्जी वोटर आइडी कार्ड बनाने के मामले में पांच लोगों के गिरफ्त में आने के बाद अब नया मामला सामने आया है। लखनऊ में विधानसभा की वैबसाइट हैक की गई है। वेबसाइट को हैक करने के बाद इन लोगों ने उसमें आपत्तिजनक पोस्ट भी किया है। हैकर्स ने इससे पहले बेहद सुरक्षित मानी जाने वाली भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट में सेंध मारी थी। अब उत्तर प्रदेश विधानसभा की बेहद सुरक्षित माने जाने वाली वेबसाइट में सेंध लगने से ऑनलाइन कार्य प्रक्रिया की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस प्रकरण की जानकारी मिलने के बाद इस वेबसाइट का संचालन करने वाली प्रदेश सरकार की संस्था यूपीडेस्को ने लखनऊ में साइबर थाने में एफआइआर दर्ज करा दी है। इस गंभीर मामले की जानकारी मिलने के बाद साइबर थाने की टीम हैकरों की तलाश में जुट गई है। वेबसाइट हैक होने की सूचना मिलते ही जिम्मेदारों के होश उड़ गए और वह तत्काल हरकत में आकर हैकर्स को पकड़ने में जुट गए हैं। डीजीपी मुकुल गोयल ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधान सभा की वेबसाइट को हैक नहीं किया गया है। इस वेबसाइट को एक प्राइवेट कंपनी कॉन्ट्रैक्ट पर वर्ल्ड वाइड चलाई जाती है। वेबसाइट पर एक वनरेबल एडवर्टीजमेंट का पेज आ गया था जो कि एक दवा का था। कंपनी सिर्फ भारत में ही नहीं नेपाल और यूरोप के अन्य देशों में जहां-जहां यह वेबसाइट की काम करती है उन सभी पर यह एडवर्टीजमेंट गया है। इस संदर्भ में एक एफआईआर दर्ज करा दी गई है और कंपनी से बात करके जांच की जा रही है। एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार के मुताबिक कि विधानसभा की वेबसाइट से कोई भी डाटा चोरी नहीं हुआ है। इस बारे में कंपनी को इनफॉर्म भी कर दिया गया है। आगे की जांच की जा रही है।

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