इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को दिया झटका

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गोकशी के मामले में तीन लोगों पर से रासुका हटाई
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने गोकशी के आरोप में गिरफ्तार तीन लोगों पर से एनएसए एक्ट हटाते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अपने घर के अंदर चुपचाप गोकशी करना कानून तोड़ने का मामला हो सकता है लेकिन शांति व्यवस्था भंग होने का मामला नहीं.
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सरोज यादव की पीठ ने 5 अगस्त को एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए सीतापुर के इरफान, रहमतुल्लाह और परवेज को रिहा करने का आदेश दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- "गरीबी, रोजगार की कमी या भूख के कारण अहले सुबह गुपचुप तरीके से अपने घर के अंदर गाय को काटना सिर्फ कानून-व्यवस्था का मसला बनता है." कोर्ट ने कहा कि इस हालात की तुलना उन हालातों से नहीं की जा सकती जब पब्लिक के सामने बड़ी संख्या में मवेशी काटे जाएं या शिकायत करने वालों पर गोकशी करने वाले हमला कर दें जिससे शांति व्यवस्था बिगड़ जाए.
हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई तथ्य नहीं मिला है जिससे इस नतीजे पर पहुंचा जा सके कि ये लोग दोबारा ऐसा करेंगे. कोर्ट ने तीनों को छोड़ने का आदेश देते हुए कहा कि अगर किसी दूसरे केस में तीनों हिरासत में ना हों तो इन्हें तत्काल रिहा किया जाए. इरफान, रहमतुल्लाह और परवेज को सीतापुर पुलिस ने पिछले साल जुलाई महीने में गोकशी के आरोप में गिरफ्तार किया था. सीतापुर जेल में रहते तीनों पर 14 अगस्त को रासुका लगाया गया था.

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