मुलायम सिंह यादव के गढ़ में हारी सपा

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भाजपा की अर्चना भदौरिया ने सात वोट से जीत कर रचा इतिहास
मैनपुरी। मुलायम सिंह यादव के गढ़ मैनपुरी में शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए कड़ी सुरक्षा में मतदान कराया गया। सुबह 8 बजे से ही कलक्ट्रेट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। पूर्वाह्न 11 बजे से शाम 3 बजे तक मतदान कराया गया। पहला वोट 11.10 बजे डाला गया। शाम 3 बजे तक 30 में से 29 सदस्यों ने मतदान पूरा कर लिया। जेल में होने के चलते एक सदस्य को मतदान करने का मौका नहीं मिल सका। मतदान के बाद परिणाम घोषित हुआ तो भाजपा प्रत्याशी अर्चना भदौरिया को 18 और सपा प्रत्याशी मनोज यादव को 11 वोट मिले। भाजपा ने सात वोटों के अंतर से अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया।
शनिवार को जिला पंचायत के सदस्यों को मतदान कराने के लिए प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे। कलक्ट्रेट परिसर के गेट एक से सपा समर्थकों को प्रवेश देने की व्यवस्था की गई वहीं कलक्ट्रेट के गेट नंबर दो लोहिया पार्क की तरफ से भाजपा समर्थक सदस्यों को वोट डालने के लिए भेजा गया। गेट नंबर दो से पहला वोटर डीएम कोर्ट में पहुंचा। इसके बाद इसी गेट से एक साथ 12 सदस्य एक साथ मतदान के लिए निकले। इन सदस्यों को एक-एक कर मतदान कराया गया। इसके बाद इसी गेट से चार और सदस्य वोट डालने के लिए पहुंचे। सभी सदस्यों की गेट पर ही सघन चेकिंग हुई। वोटरों के साथ पहुंचे समर्थकों को गेट पर ही रोक दिया गया था।
गेट नंबर एक पर भी प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे। यहां दोपहर एक बजे के करीब कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव के साथ सपा समर्थक सदस्य वोट डालने के लिए पहुंचे। इस गेट से दोपहर 11 बजे के करीब प्रत्याशी मनोज यादव ने पहले प्रवेश किया। इसके बाद एक बजे के करीब दस सदस्य एक साथ मतदान के लिए डीएम कोर्ट पहुंचे। यहां पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव के साथ विधायक राजकुमार यादव, अरविंद यादव एमएलसी, सोबरन सिंह यादव, बृजेश कठेरिया, पूर्व मंत्री आलोक शाक्य, आशुतोष यादव बिल्लू, जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव, महासचिव रामनरायन बाथम, सतीश यादव, टीपी यादव मामा, नृप चौधरी, कृष्णादास लोधी, सुखवीर सिंह, रघुराज सिंह यादव, गौरव दयाल वाल्मीकि आदि गेट के बाहर ही रह गए। इससे पूर्व वंदना यादव भी वोट डालने पहुंची।
पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव ने कहा कि जिला पंचायत के सदस्यों का बहुमत समाजवादी पार्टी के साथ था लेकिन नियमों को तोड़कर भाजपा खेमे के पक्ष में प्रशासन लगा रहा। सपा समर्थक सदस्यों को बंधक बनाया गया। प्रशासनिक दबंगई की शिकायतें सपा की ओर से आयोग के पास भेजी गईं। हाईकोर्ट से शिकायत की गई। इन शिकायतों पर रिपोर्ट मांगी गई लेकिन जिले के अधिकारियों ने रिपोर्ट नहीं दी और चुनाव में मनमानी की। कानूनो को ताक में रखकर सत्ता पक्ष के इशारे पर भाजपा को जिताया गया है। चुनाव परिणाम घोषित हुआ तो सपा खेमे में सन्नाटा छा गया। सपाई पूर्व सांसद के साथ वापस पार्टी कार्यालय लौट गए।

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