आजमगढ़: भाजपा सदस्यों ने भी पार्टी के साथ किया भीतरघात

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सभी विपक्षी दलों के साथ सभी निर्दलियों ने सपा प्रत्याशी को दिया समर्थन
आजमगढ़। आजमगढ़ जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का परिणाम भाजपा के भीतरघात को साफ जाहिर कर दिया। भाजपा अपने जीते हुए 12 प्रत्याशियों मे से मात्र 5 का ही वोट पा सकी, बाकी अन्य ने बगावत कर अपना वोट सपा प्रत्याशी विजय यादव को दे दिया। चुनाव परिणाम आने के बाद राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि सपा प्रत्याशी को सभी विपक्षी दलों के साथ निर्दलियों का भी समर्थन मिल गया। 
जिला पंचायत अध्यक्ष पद जीत के साथ सपा ने लगातार तीसरी बार पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर अपना कब्जा जमा लिया। इस बार के चुनाव में पूर्व मंत्री बलराम यादव के साथ ही भाजपा से सपा में आए पूर्व सांसद रमाकांत यादव, बसपा से सपा में आए पूर्व मंत्री चंद्रदेव यादव करैली भी पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव के पुत्र विजय यादव को जीत दिलाने के लिए शुरू से ही रणनीति में जुट गए थे। सपा के दिग्गज नेताओं की रणनीति के आगे सत्तारूढ़ दल के उन नेताओं को मुंह की खानी पड़ी, जो निर्दलियों और बसपा सदस्यों को लेकर जोड़तोड़ का प्रयास कर रहे थे।
जनपद में 84 जिला पंचायत सदस्यों में 25 सपा, 14 बसपा, 12 भाजपा, कांग्रेस, उलेमा काउंसिल एक-एक और 26 अन्य उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। भाजपा ने बसपा और निर्दलीय सदस्यों को साथ लेने के साथ ही विपक्ष के कुछ सदस्यों को तोड़ कर जिला पंचायत पर कब्जा जमाने की रणनीति बनाई, लेकिन सफलता नहीं मिली। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के निर्देश पर जिले में एकजुट हुए सपा के नेताओं ने भी सतर्कता बरतते हुए जिला पंचायत फतह करने की कमान थाम ली थी। पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर सदस्यों के परिणाम घोषित होने के बाद से ही तस्वीर लगभग स्पष्ट हो गई थी। सपा के पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव के पुत्र विजय यादव को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का आशीर्वाद मिलने के बाद से ही अध्यक्ष पद के लिए जोड़तोड़ चल रही थी। सपा के विजय यादव को चुनौती देने के लिए भाजपा ने अतरौलिया विधानसभा से चुनाव हार चुके कन्हैया निषाद के पुत्र संजय निषाद को मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें महज पांच वोट ही मिल सके। जबकि सपा के विजय यादव को 79 वोट मिले।

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