सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा फैसला

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कोरोना से जिन बच्चों के माता-पिता की हुई मौत, उनका जिम्मा उठाएगी यूपी सरकार


लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण माता-पिता की मृत्यु होने से अनाथ हुए बच्चों का भरण-पोषण राज्य सरकार करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे बच्चों के भरण-पोषण के लिए एक बड़ी कार्ययोजना बनाने के लिए बुधवार को महिला ए‌वं बाल विकास विभाग को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-9 के साथ बैठक में कहा कि महामारी के कारण अनाथ या निराश्रित हुए बच्चे राज्य की संपत्ति हैं। कोविड के कारण जिन बच्चों के माता-पिता का देहांत हो गया है। उनके भरण-पोषण सहित सभी तरह की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठाएगी।
400 बच्चों का हो चुका है चिह्नांकन-महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने ऐसे लगभग 400 बच्चों को चिह्नित किया है जिन्हें पुनर्वासित करने की जरूरत है। इनमें अनाथ बच्चों के साथ ऐसे बच्चे भी हैं जिनके घर के कमाऊ सदस्य की मौत हो गई है और अब एक ही अभिभावक बचा है। चिह्नांकन के बाद इनके भरण पोषण के लिए कई तरह की योजनाएं बनाने पर विभाग काम कर रहा है। जिलाधिकारियों से इस संबंध में जानकारी मांगी गई है। सभी जिलों से सूचनाएं आने के बाद ही योजना बना कर मुख्यमंत्री के सामने रखी जाएगी।
शिक्षकों का वेतन दिया जाए-मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि प्राविधिक व व्यावसायिक शिक्षा विभाग के तहत संचालित सभी संस्थानों और प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में एक भी शिक्षक के वेतन में कटौती न की जाए। संस्थान ने यदि छात्रों से शुल्क लिया है, तो शिक्षकों को वेतन भुगतान अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। संबंधित विभाग इस व्यवस्था का अनुपालन सुनिश्चित करें।
संक्रमितों को तुरंत मेडिकल किट दें-उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन के मरीजों को निगरानी समितियों के माध्यम से मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। कुछ जिलों की स्थिति में सुधार की जरूरत है। ग्रामीण इलाकों में संचालित स्क्रीनिंग के वृहद अभियान में लक्षणयुक्त या संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को निगरानी समिति द्वारा तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए निगरानी समितियों को पर्याप्त संख्या में मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाएं। मुख्यमंत्री ने सभी पीएचसी व सीएचसी की व्यवस्था एक सप्ताह में ठीक कराने के निर्देश दिए।
डॉक्टरों से केवल चिकित्सीय काम लें-मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते कुछ दिनों में 2400 चिकित्सकीय मानव संसाधन बढ़ाए गए हैं। इसलिए डॉक्टरों की ड्यूटी केवल चिकित्सीय काम में लगाई जाए। जरूरत के अनुसार मैन पावर और बढ़ाई जाएं। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में बीते 24 घंटे में 921 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया। होम आइसोलेशन के करीब 4000 मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशी चिकित्सा संस्थानों से मेडिकल उपाधि प्राप्त प्रोफेशनल युवाओं की भी कोविड कार्य में मदद ली जानी चाहिए। इस संबंध में भारतीय चिकित्सा परिषद से मार्गदर्शन प्राप्त किया जाए। बुजुर्ग अनुभवी चिकित्सकों और सेना से निवृत्त चिकित्सकों की सेवाएं टेलीकन्सल्टेशन में ली जाएं।
ब्लैक फंगस दवा के लिए केंद्र को मांग भेजे
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस के उपचार की पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध रहे इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजकर आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया जाए। मांग पत्र भेजते समय प्रदेश की कुल आबादी और मरीजों की संख्या को ध्यान में रखा जाए। प्रदेश के 23 जिलों में अब तक 18 से 44 वर्ष आयुवर्ग के 6,38,746 लोगों को टीका लग चुका चुका है। इसी तरह 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 1,54,61,919 वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों में 100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) वॉर्ड तैयार किया जाए।

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