आजमगढ़ : बाटला एनकाउंटर में आज़मगढ़ का आरिज खान दोषी करार

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आजमगढ़ | 19 सितंबर 2008 को दिल्ली के बाटला एनकाउंटर में शहीद हुए क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के मामले में बिलरियागंज थाना क्षेत्र के नसीरपुर गांव निवासी आरिज खान उर्फ जुनैद को अदालत में दोषी करार दिया गया। इधर आरिज खान के दोषी करार दिए जाने की खबर से गांव के लोग मौन हैं। जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर बिलरियागंज थाना क्षेत्र के नसीरपुर गांव में आरिज खान उर्फ जुनैद का मूल घर है। यहीं का वह रहने वाला है। वह तीन भाई है। आरिज खान के पिता की मौत हो चुकी है। उसकी मां तबस्सुम पैतृक गांव की बजाय शहर के जालंधरी मुहल्ले में रहती हैं। जालंधरी वाले घर पर भी सन्नाटा पसरा रहा। अन्य दो भाई भी अलग-अलग रहते हैं। सोमवार को बाटला एनकाउंटर के मामले में आरिज को अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने से गांव के लोग स्तब्ध हैं। इस संबंध में कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं। बिलरियागंज में डिस्पेंसरी चलाने वाले आरिज खान के चाचा डॉ. जफरे आलम ने बताया कि उससे किसी का कोई संबंध नहीं है। गांव में भी कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था। दबी जुबान इतना जरूर कहा कि आरिज मुजफ्फरपुर से बीटेक की पढ़ाई कर रहा था। इसी दौरान ही इंडियन मुजाहिद्दीन के सदस्यों के संपर्क में आकर रास्ते से भटक गया और देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो गया। बाटला एनकाउंटर के बाद से आरिज फरार चल रहा था। उसे फरवरी 2018 में एनआईए की टीम ने गिरफ्तार किया। हुए क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के मामले में बिलरियागंज थाना क्षेत्र के नसीरपुर गांव निवासी आरिज खान उर्फ जुनैद को अदालत में दोषी करार दिया गया। इधर आरिज खान के दोषी करार दिए जाने की खबर से गांव के लोग मौन हैं। जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर बिलरियागंज थाना क्षेत्र के नसीरपुर गांव में आरिज खान उर्फ जुनैद का मूल घर है। यहीं का वह रहने वाला है। वह तीन भाई है। आरिज खान के पिता की मौत हो चुकी है। उसकी मां तबस्सुम पैतृक गांव की बजाय शहर के जालंधरी मुहल्ले में रहती हैं। जालंधरी वाले घर पर भी सन्नाटा पसरा रहा। अन्य दो भाई भी अलग-अलग रहते हैं। सोमवार को बाटला एनकाउंटर के मामले में आरिज को अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने से गांव के लोग स्तब्ध हैं। इस संबंध में कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं। बिलरियागंज में डिस्पेंसरी चलाने वाले आरिज खान के चाचा डॉ. जफरे आलम ने बताया कि उससे किसी का कोई संबंध नहीं है। गांव में भी कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था। दबी जुबान इतना जरूर कहा कि आरिज मुजफ्फरपुर से बीटेक की पढ़ाई कर रहा था। इसी दौरान ही इंडियन मुजाहिद्दीन के सदस्यों के संपर्क में आकर रास्ते से भटक गया और देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो गया। बाटला एनकाउंटर के बाद से आरिज फरार चल रहा था। उसे फरवरी 2018 में एनआईए की टीम ने गिरफ्तार किया।

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