विकास दुबे कांड में इस्तेमाल स्प्रिंगफील्ड राइफल आठ माह बाद बरामद, सात गिरफ्तार

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कानपुर। कानपुर के बिकरू गांव में हुए विकास दुबे कंड में पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने सोमवार को बड़ी कामयाबी हासिल की है। एसटीएफ ने फरारी के दौरान विकास दुबे को शरण देने वाले समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सेमी ऑटोमैटिक स्प्रिंगफील्ड राइफल समेत कई हथियार बरामद किये हैं। राइफल का इस्तेमाल पुलिस वालों पर हमले में किया गया था। 
कानपुर में चैबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने हमला कर दिया। विकास दुबे ने साथियों की मदद से सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इसके बाद विकास दुबे रात में ही फरार हो गया था और अपने सहयोगियों के पास जाकर छिप गया था। वारदात के करीब सात दिन के बाद विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस ने महाकाल मंदिर से पकड़कर यूपी पुलिस के सुपुर्द किया था। मध्य प्रदेश से कानपुर लाते समय गाड़ी पलट जाने पर विकास ने भागने का प्रयास किया था, जिससे एनकाउंटर में वह मारा गया था।
पुलिस की जांच के दौरान सामने आया था कि हमलावरों ने पुलिस टीम पर सेमी ऑटोमेटिक राइफल से फायरिंग की थी। पुलिस ने मौके से अमेरिकन विंचेस्टर कारतूस बरामद किए थे। पुलिस अबतक मामले में आरोपित 36 लोगों को जेल भेज चुकी है। अभी तक पुलिस को न तो विकास की सेमी ऑटोमेटिक राइफल बरामद हुई थी और न ही फरारी के समय उसे आश्रय देने वालों का पता चला था। पुलिस को वारदात में दो सेमी ऑटोमेटिक राइफल के प्रयोग होने की जानकारी मिली थी, जिनका प्रयोग विकास दुबे करता था। उसका लाइसेंस भांजे और छोटे भाई के नाम पर था।
सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ ने सोमवार को सात लोगों को गिरफ्तार करके एक राइफल, एक बार में 20 राउंड फायर करने वाली फुली ऑटोमेटिक कार्बाइन, एक सिंगल बैरल बंदूक और एक रिवाल्वर बरामद की है। बताया जा रहा है कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उसमें एक व्यक्ति कानपुर देहात का है। उसने वारदात के बाद विकास दुबे को अपने घर में दो दिनों तक पनाह दी थी। इसके साथ ही पुलिस ने उस सहयोगी को भी गिरफ्तार किया है जिसकी गाड़ी से विकास दुबे को कानपुर से बाहर ले जाया गया था। गिरफ्तार लोगों में कुछ लोग मध्यप्रदेश से भी बताए जा रहे हैं। उसने ही फरारी के समय विकास दुबे को आश्रय दिया था। कहा जा रहा है कि विकास दुबे के पास हथियारों का जखीरा था। मध्यप्रदेश के तस्करों को बेचने की कोशिश की जा रही थी। पुलिस जल्द ही पूरे मामले का खुलासा करने की बातें कह रही है। माना जा रहा है कि इस दौरान वह आश्रयदाता कौन हैं और सेमी ऑटोमेटिक राइफल कहां से बरामद हुई आदि की जानकारी देंगे।

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