पंचायत चुनाव पर योगी कैबिनेट की मंजूरी

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हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार पंचायत चुनाव करवाएगी योगी सरकार
सपा सरकार के 10वें संशोधन को किया बहाल

लखनऊ। प्रदेश सरकार हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ के 15 मार्च को दिये गये आदेश का पालन करते हुए राज्य में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव करवाएगी। इस बारे में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि हाईकोर्ट द्वारा तय की गई समय सीमा के अनुसार 25 मई तक ही राज्य में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी करवाई जाएगी।
अदालत के आदेश के अनुसार ही वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानकर पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण तय किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस साल 10 फरवरी को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये पंचायतीराज अधिनियम में 2015 में तत्कालीन सपा सरकार द्वारा किए गए 10वें संशोधन को खत्म करते हुए 11वां संशोधन किया था और 11 फरवरी को इस बाबत पंचायतीराज विभाग ने नया शासनादेश जारी किया था।
इस संशोधन के जरिए वर्ष 1995 को आधार वर्ष मानकर पंचायतों की सीटों का आरक्षण तय किया गया था। सपा सरकार ने उस संशोधन के जरिये ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्यों की सीटों का आरक्षण शून्य करते हुए नए सिरे से इन सीटों का आरक्षण तय किया था। मंगलवार को प्रदेश सरकार ने 10 फरवरी को पंचायतीराज अधिनियम में किये गये 11वें संशोधन को वापस लेते हुए 12वां संशोधन किया, जिसके तहत सपा सरकार में किए गए 10वें संशोधन को फिर से बहाल किया गया।
कैबिनेट के इस निर्णय के बाद प्रदेश का पंचायतीराज विभाग बुधवार को 2015 को मूल वर्ष मानकर पंचायत चुनावों में आरक्षण की नयी नियमावली के लिए शासनादेश जारी करेगा। पंचायतीराज विभाग इसी क्रम में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर पंचायतों की सीटों के आरक्षण को तय करते हुए उनके आवंटन की अनंतिम सूची के प्रकाशन, उस पर दावे और आपत्तियां आमंत्रित करने और उनका निस्तारण करने के बाद अंतिम सूची के प्रकाशन की समय सारिणी भी जारी करेगा। हाईकोर्ट ने यह पूरी प्रक्रिया 27 मार्च तक पूरी करने को कहा है।
अब इस बार के पंचायत चुनाव के लिए पंचायतों के सभी पदों का नए सिरे से आरक्षण तय होगा। चक्रानुक्रम के अनुसार ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत के पदों के लिए 2015 में तय किए गए आरक्षण के आगे के क्रम में आरक्षण तय होगा क्योंकि 2015 में इन दोनों पदों का आरक्षण शून्य करते हुए नए सिरे से आरक्षण तय किया गया था। क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्यों, ब्लाक प्रमुखों व जिला पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण 2015 में 2010 के चक्रानुकम से आगे बढ़ा था, अब 2015 में इन पदों का आरक्षण जहां पर छूटा था वहां से आगे बढ़ जाएगा।

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