जहानागंज/आजमगढ़। शासन द्वारा पंचायत सचिवों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज किए जाने संबंधी आदेश का व्यापक विरोध शुरू हो गया है। सचिवों का कहना है कि यह आदेश वर्तमान कार्य परिवेश एवं शासकीय दायित्वों को ध्यान में रखे बिना जारी किया गया है, जिससे ग्रामीण स्तर पर होने वाले विकास कार्य बाधित होने की आशंका बढ़ गई है। इसी क्रम में ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से जारी कार्यक्रम के तहत जहानागंज ब्लॉक मुख्यालय के ठीक सामने सचिवों का धरना शुरू किया गया। धरने की अध्यक्षता ओम प्रकाश राम ने की। इस दौरान संगठन के अध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय ने स्पष्ट कहा कि शासन का यह आदेश व्यावहारिक नहीं है और सचिवों के कार्य की प्रकृति कार्यालय आधारित नहीं रहती। सचिवों को प्रतिदिन गांवों में जाकर कार्यों की निगरानी, योजनाओं का क्रियान्वयन, लाभार्थियों का सत्यापन सहित अनेक फील्ड वर्क करने होते हैं। ऐसे में फिक्स्ड स्थान से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करना संभव नहीं है। अध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया तो सचिव आज दोपहर 1 बजे से सभी लोग ग्रुप को छोड़ देंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 15 दिसंबर को सभी सचिव अपना डोंगल वापस कर देंगे, जिससे ऑनलाइन भुगतान व्यवस्था बाधित हो जाएगी और सचिव पूरी तरह बहिष्कार करने को बाध्य होंगे। धरना स्थल पर निकेश सिंह, संजय सिंह, प्रवीण सिंह, सतीश सिंह, श्रीराम कथा सहित समस्त सचिव मौजूद रहे और सरकार के आदेशों के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन करते रहे। सचिवों ने कहा कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता और आदेश वापस नहीं लिया जाता, तब तक धरना अनवरत जारी रहेगा। सचिवों ने मांग की कि शासन जमीनी हकीकत को समझते हुए व्यावहारिक व्यवस्था लागू करे, ताकि विकास कार्य बाधित न हों और कर्मचारियों पर अनावश्यक बोझ न बढ़े।


