ब्रिटेन की नागरिकता लेने के बाद भी चार साल तक वेतन लेने का मामला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विदेशी नागरिकता छिपाकर वर्षों तक सरकारी वेतन लेने और पाकिस्तान से अवैध कनेक्शन के गंभीर मामले में सख्ती दिखाई है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने आजमगढ़ के मदरसा शिक्षक शमशुल हुदा खान को अनियमित रूप से वेतन एवं सेवानिवृत्ति लाभ दिलाने के आरोप में एक संयुक्त निदेशक सहित तीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। आजमगढ़ के मदरसा दारूल उलूम अहिले सुन्नत अशरफिया मिस्बाहुल उलूम के शिक्षक शमशुल हुदा खान ने 19 दिसंबर 2013 को ब्रिटेन की नागरिकता प्राप्त कर ली थी, लेकिन मदरसा प्रबंधन और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से उन्होंने यह तथ्य छिपाया और 31 जुलाई 2017 तक अनियमित रूप से वेतन प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने चिकित्सा अवकाश, वीआरएस, जीपीएफ और पेंशन जैसे सभी लाभ भी हासिल किए। शमशुल हुदा खान ने नौकरी के दौरान आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, सिंगापुर, श्रीलंका के अलावा खाड़ी देशों से होते हुए पाकिस्तान की दो-तीन यात्राएं भी कीं। 16.59 लाख रुपये की वसूली पहले ही तय मामले की जांच में दोषी पाए जाने पर निम्नलिखित अधिकारियों संयुक्त निदेशक शेष नाथ पांडेय (तत्कालीन आजमगढ़), साहित्य निकष सिंह (तत्कालीन डीएमओ आजमगढ़, वर्तमान में गाजियाबाद), लालमन (तत्कालीन स्टाफ, वर्तमान में बरेली डीएमओ), प्रभात कुमार (तत्कालीन स्टाफ, वर्तमान में अमेठी डीएमओ) को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में शेष नाथ पांडेय को आयुक्त कार्यालय झांसी तथा अन्य तीनों अधिकारियों को अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय लखनऊ से संबद्ध किया गया है। विभाग ने शमशुल हुदा खान से 16.59 लाख रुपये की रिकवरी के आदेश पहले ही जारी कर दिए थे। मामले में एटीएस के साथ-साथ अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने भी अलग से जांच की थी।


