सीएम योगी का बड़ा फैसला, जिलाधिकारियो से छीना यह अधिकार

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योगी कैबिनेट ने खत्म की यह व्यवस्था, संशोधन नीति को मंजूरी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्लेज पार्क सात मीटर चौड़ी सड़क पर बनाने की सुविधा दे दी है। अभी तक 12 मीटर चौड़ी सड़क पर बनाने की अनिवार्यता थी। योगी कैबिनेट डीएम द्वारा सर्किल रेट पर जमीन मूल्य का 90 प्रतिशत धनराशि देने की व्यवस्था को खत्म कर दिया है। प्रदेश भर के डीएम अब ऐसा नहीं कर पाएंगे। कैबिनेट मीटिंग में प्लेज पार्क में अधिकतम 10 प्रतिशत भूमि पर व्यापारिक व वाणिज्यिक सुविधा की अनुमति दे दी गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। इसके लिए प्लेज योजना संशोधन नीति को मंजूरी दी गई। कैबिनेट फैसले के मुताबिक सात मीटर ब्लैक टॉप रोड और कम से कम 1.50 मीटर फुटपाथ होना चाहिए। संपर्क मार्ग की चौड़ाई सात मीटर होने पर प्लेज पार्क में सिर्फ ग्रीन व आरेंज कटेगरी के उद्योगों को अनुमति दी जाएगी। संपर्क मार्ग की चौड़ाई 12 मीटर या उससे अधिक होने पर सभी कटेगरी के उद्योगों को लगाने की अनुमति दी जाएगी। प्लेज पार्क का क्षेत्रफल 15 एकड़ से 50 एकड़ होने पर लोक निर्माण विभाग द्वारा प्लेज पार्क तक 2.5 किमी सड़क का निर्माण कराया जाएगा।
एमएसएमई विभाग द्वारा विकसित होने वाले और पूर्व में विकसित ऐसे सभी प्लेज पार्कों पर 25 प्रतिशत विकास शुल्क लिया जाएगा। अधिसूचित क्षेत्र से बाहर विकसित होने वाले प्लेज पार्कों पर किसी प्रकार का विकास शुल्क नहीं लगेगा। प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्रों के अंदर विकास प्राधिकरण द्वारा नक्शा पास किया जाएगा और बाहर के सभी क्षेत्रों में आयुक्त एवं निदेशक उद्योग या उनके द्वारा नामित अधिकारी द्वारा नक्शा पास किया जाएगा।
प्लेज पार्क की सभी औद्योगिक इकाई को एक माना जाएगा और इसके आधार पर स्टांप शुल्क लिया जाएगा। सात मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़क पर स्थित औद्योगिक भूमि के मूल्यांकन के लिए एक समान सर्किल दर तय की जाएगी। पार्क को विकसित करने के बाद डीएम द्वारा इसमें स्थित भूखंडों का मूल्यांकन करके न्यूनतम सर्किल दर निर्धारित की जाएगी और न्यूनतम दर निर्धारित करने के पूर्व डीएम द्वारा सभी हितधारकों से बातचीत कर फैसला किया जाएगा। रजिस्ट्री की पुष्टि और छूट के लिए साक्षी के रूप में डीएम या उनके द्वारा अनुमोदन पर उपायुक्त उद्योग जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास करेगा।

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