लखनऊ। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में लापरवाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है। एमडी शंभु कुमार के निर्देश पर 117 अभियंताओं पर कार्रवाई की गई है। इसमें चार जूनियर इंजीनियर (जेई) सस्पेंड किए गए, 16 को चार्जशीट और 97 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। कार्रवाई की जद में अधीक्षण अभियंता (एसई), अधिशासी अभियंता (एक्सईएन), उपखंड अधिकारी (एसडीओ) और अवर अभियंता (जेई) शामिल हैं। सबसे अधिक कार्रवाई वाराणसी, आजमगढ़ और गोरखपुर जोन में हुई।
रिपोर्ट के अनुसार, 62 अवर अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस और 78 को चार्जशीट दी गई। सात एसडीओ को नोटिस और एक को चार्जशीट मिली। वहीं, 22 अधिशासी अभियंताओं को नोटिस और तीन को चार्जशीट जारी की गई। छह अधीक्षण अभियंताओं को भी कारण बताओ नोटिस थमाया गया। विभागीय लापरवाही की शिकायतों के आधार पर यह कार्रवाई की गई।
मेरठ में निजीकरण के विरोध में आंदोलन कर रहे बिजली कर्मचारियों ने शनिवार को बड़ा फैसला लिया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ऐलान किया कि भैय्या दूज तक कोई आंदोलन या प्रदर्शन नहीं होगा। कर्मचारी दीपावली पर रिकॉर्ड बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में जुटेंगे। समिति ने पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन से मांग की है कि निजीकरण के नाम पर कर्मचारियों पर की गई उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयां दीपावली से पहले वापस ली जाएं। समिति ने कहा कि उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए यह फैसला लिया गया है।




