लखनऊ। राजधानी के ठाकुरगंज इलाके में रविवार को भाजपा मंडल मंत्री सूरज चौरसिया और उनके साथियों पर हुए हमले के बाद तनाव बढ़ गया। पुलिस ने पीड़ित सूरज के खिलाफ ही जानलेवा हमले समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर हिरासत में ले लिया। इससे नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं और पार्षदों ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए ठाकुरगंज थाने, चौक कोतवाली और हरदोई रोड पर जमकर हंगामा किया। देर रात भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी के हस्तक्षेप और पुलिस के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ।
मिश्री बाग निवासी शिवम चौरसिया, जो डिलीवरी ब्वाय है, ने बताया कि रविवार तड़के करीब 3 बजे वह अपने दोस्त अर्जुन को छोड़ने उसके घर जा रहा था। रास्ते में अरमान, कल्लू, भूरे और कलीम ने उसे घेर लिया। आरोपियों ने तमंचा सटाकर जान से मारने की धमकी दी और उसे कल्याण मंडल के पास मंदिर के पीछे ले जाकर बंधक बनाया। वहां उसकी जमकर पिटाई की गई, जिससे उसका सिर फट गया और वह अचेत हो गया। होश आने पर शिवम ने परिजनों को बुलाया और अस्पताल में इलाज के बाद ठाकुरगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई।
शिवम की शिकायत पर कार्रवाई की मांग को लेकर सूरज चौरसिया, अमन सिंह, ऋषभ सिंह और हर्ष ठाकुरगंज थाने पहुंचे। उसी दौरान दूसरा पक्ष, अधिवक्ता ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह उर्फ ज्ञानू के नेतृत्व में, वहां पहुंच गया। दोनों पक्षों में गाली-गलौज के बाद ज्ञानेंद्र पक्ष ने कथित तौर पर सूरज और उनके साथियों पर हमला कर दिया। सूरज पक्ष का आरोप है कि जब वे दोबारा शिकायत लेकर थाने पहुंचे, तो पुलिस ने उल्टा उनके खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर सूरज को हिरासत में ले लिया।
पुलिस की कार्रवाई से नाराज भाजपा कार्यकर्ता और पार्षद अनुराग मिश्रा अन्नू समेत कई नेता ठाकुरगंज थाने पहुंचे। दोपहर में थाने के बाहर हंगामा शुरू हुआ, जो शाम तक चौक कोतवाली स्थित एसीपी दफ्तर तक पहुंच गया। रात 10:30 बजे तक कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और हरदोई रोड जाम कर दी। डीसीपी विश्वजीत श्रीवास्तव और भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी के पहुंचने पर स्थिति नियंत्रित हुई। डीसीपी ने निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद सूरज को थाने से रिहा किया गया।
सूरज पक्ष का दावा है कि पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई कर उन्हें निशाना बनाया। वहीं, पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा रही है। मामले की जांच जारी है।



