आजमगढ़। संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में संस्कृत पटल सहायक विधिचंद यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे हैं। मुजफ्फरनगर के शमशेर ने शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया कि विधिचंद ने अपने पुत्र-पुत्रियों और रिश्तेदारों की फर्जी नियुक्तियां कराईं। शिकायत के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक नवल किशोर ने विधिचंद को संस्कृत पटल सहायक के पद से हटाकर रामबचन यादव को यह जिम्मेदारी सौंप दी है।
शिकायतकर्ता के अनुसार, 1990 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में नौकरी शुरू करने वाले विधिचंद 1996 में कनिष्ठ लिपिक और 2014 में वरिष्ठ सहायक बने। आरोप है कि उनकी गृहिणी पत्नी गोधना देवी के खाते में 2009 से 2014 के बीच 55 लाख रुपये जमा हुए, जबकि इस दौरान उनके बच्चे बेरोजगार थे। शिकायत में गोधना देवी के काशी गोमती ग्रामीण बैंक, देवकली (मऊ) के खाते का स्टेटमेंट, मीरपुर रहीमाबाद अमाव में सात एकड़ कृषि भूमि, बागेश्वरनगर में एक करोड़ का आलीशान मकान और सिधारी, लखनऊ में अवैध संपत्ति खरीद का भी जिक्र है।
आरोपों में कहा गया है कि विधिचंद ने संस्कृत पटल प्रभारी रहते हुए बलिया के आदर्श संस्कृत विद्यालय, किशोर चेतन, सिकंदरपुर में रिश्तेदारों की अवैध नियुक्तियां कराईं। शिकायतकर्ता का दावा है कि बेसिक शिक्षा कार्यालय में तैनाती के दौरान भी विधिचंद ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया और कई बार निलंबित हुए।
संयुक्त शिक्षा निदेशक नवल किशोर ने कहा, "विधिचंद यादव के खिलाफ तथ्यों के साथ शिकायत मिली है, जिसकी निष्पक्ष जांच के लिए उन्हें संस्कृत पटल सहायक पद से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर रामबचन यादव को प्रभारी बनाया गया है।"




