BJP नेता के खिलाफ दर्ज केस में गायब हुईं युवतियां
कानपुर। यूपी के कानपुर में अखिलेश दुबे पर जिन विषकन्याओं के जरिए रेप, रेप की कोशिश या छेड़छाड़ के मुकदमे दर्ज कराकर रंगदारी वसूलने का आरोप है, उनका वजूद भी किसी बड़े रहस्य से कम नहीं। या तो ये विषकन्याएं काल्पनिक थीं या अभी भी कहीं बंधक हैं या फिर इनका कत्ल हो चुका है। हकीकत यह है कि भाजपा नेता रवि सतीजा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाली विषकन्याएं भी गायब हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी ये एसआईटी को नहीं मिल सकीं।
अब एसआईटी को भी इस बात की आशंका है कि कहीं ये विषकन्याएं सिर्फ मुकदमों में वादी के रूप में काल्पनिक नाम थीं या मार डाली गईं। ये कहां से आईं और कहां गईं, इसका कुछ अता-पता नहीं। खास बात यह है कि रवि सतीजा द्वारा दर्ज कराए मुकदमे के भी कई और आरोपी अभी भी फरार हैं। विषकन्याओं की ओर से कोर्ट में 156 (3) डालने वाले वकीलों की भी तलाश एसआईटी ने शुरू कर दी है। जल्द ही नोटिस देकर उन्हें जवाब के लिए तलब किया जा सकता है। एसआईटी को रवि सतीजा के केस में शामिल विषकन्याओं के साथ ही इस काम में लगी अन्य युवतियों की भी तलाश है।
भाजपा नेता रवि सतीजा ने बर्रा थाने में तहरीर देते हुए आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ निशा कुमारी ने अपनी छोटी बहन गीता कुमारी के साथ दुष्कर्म करने का मुकदमा 4 दिसंबर 2024 को दर्ज कराया था। यह मुकदमा भी बर्रा थाने में हुआ था। इसके बाद अंतिम रिपोर्ट लगाने के नाम पर अखिलेश दुबे ने उनसे 50 लाख रुपये की मांग की। इस मामले में एसआईटी जांच हुई तो मुकदमे का फर्जीवाड़ा सामने आ गया। इसके बाद बर्रा पुलिस ने रवि सतीजा की तहरीर पर अखिलेश दुबे, अभिषेक बाजपेयी, शैलेंद्र उर्फ टोनू यादव, निशा कुमारी उसकी बहन गीता कुमारी पर मुकदमा दर्ज किया था।
एसआईटी को बताया गया कि युवतियां अपने परिवार के साथ उस्मानपुर बस्ती में रहती थीं। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद दोनों परिवार के साथ फरार हो गईं। एसआईटी उन दस्तावेजों की भी पड़ताल कर रही है जो कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत युवतियों की ओर से दाखिल किए गए थे। में दूसरे आरोपी अभिषेक और शैलेंद्र भी फरार हैं।
पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने कहा कि अगर पीड़िताएं वास्तविक हैं तो क्या उन्हें बंधक बना लिया गया, या फिर उनके साथ कोई अनहोनी हो गई, ऐसी हर संभावना की जांच एसआईटी कर रही है।







