लखनऊ। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले परिसीमन की प्रक्रिया जोरों पर है। बीते पांच साल में नई नगर निकायों के गठन और सीमा विस्तार के कारण जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायतों के वार्डों की संख्या में कमी आने की संभावना है। परिसीमन के बाद जिला पंचायत सदस्यों के करीब 40 पद, क्षेत्र पंचायत सदस्यों (बीडीसी) के लगभग 1500 वार्ड और ग्राम पंचायतों के 4608 वार्ड कम हो जाएंगे।
पंचायतीराज निदेशक अमित सिंह ने बताया कि वार्डों के पुनर्गठन की रिपोर्ट जल्द शासन को भेजी जाएगी। अभी तक 47 जिलों ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जबकि 28 जिलों को जल्द रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें रायबरेली, सीतापुर, सुल्तानपुर, बहराइच, महाराजगंज, कानपुर देहात, मऊ, पीलीभीत, आगरा, औरैया, बागपत, बलिया, भदोही, बदायूं, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, झांसी, कासगंज, कौशांबी, कुशीनगर, मिर्जापुर, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रामपुर, सहारनपुर, संत कबीर नगर और सोनभद्र शामिल हैं।
कितने वार्ड घटेंगे? : जिला पंचायत : वर्तमान में 3050 वार्ड हैं, जो 40 कम होने के बाद 3011 रह जाएंगे। क्षेत्र पंचायत (बीडीसी) : अभी 75,845 वार्ड हैं, 1500 कम होने पर 74,345 रह जाएंगे। ग्राम पंचायत : 7,32,643 वार्डों में से 4608 कम होने के बाद 7,28,035 वार्ड रह जाएंगे। निदेशक के अनुसार, ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का कार्य पूरा हो चुका है। पहले 58,189 ग्राम पंचायतें थीं, जो अब घटकर 57,694 रह गई हैं। अगले साल 26 मई 2026 को ग्राम प्रधानों, 19 जुलाई 2026 को क्षेत्र पंचायत प्रमुखों और 11 जुलाई 2026 को जिला पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल समाप्त होगा। पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन जल्द होगा। पंचायतीराज निदेशालय ने इसके लिए शासन को पत्र भेजा है। यह आयोग ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण निर्धारित करेगा। परिसीमन और वार्ड पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो जाएंगी।





