जालसाजी के मामले में कोर्ट ने सुनाई चार साल की सजा
मऊ। आईआर गैंग 212 के मुख्य आरोपी और कुख्यात माफिया रमेश सिंह काका ने शुक्रवार को पुलिस को चकमा देते हुए सीजेएम कोर्ट में आत्मसर्पण कर दिया। कोर्ट ने वर्ष 2010 के जालसाजी मामले में उसे चार साल की सजा सुनाई। रमेश सिंह काका की गिरफ्तारी के लिए बुधवार को पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
पुलिस अधीक्षक इलामारन जी ने बताया कि रमेश सिंह काका ने सुबह करीब 10 बजे कोर्ट में सरेंडर किया। सीजेएम कोर्ट ने 1 जून को जालसाजी के मामले में उसे और उसके सहयोगी जावेद आजमी को दोषी ठहराया था। सहयोगी को भी चार साल की सजा सुनाई गई थी।
रमेश सिंह काका, जो सरायलंखसी थाना क्षेत्र के कैथवली गांव का निवासी है, प्रदेश स्तर का माफिया और हिस्ट्रीशीटर है। वह टॉप टेन अपराधियों की सूची में भी शामिल है। उसके खिलाफ शहर कोतवाली में धारा 419, 420, 467, 468, 471 भादवि के तहत मुकदमा (1309/2010) दर्ज था। दोषी ठहराए जाने के बाद से वह फरार चल रहा था। कोर्ट के फैसले के बाद रमेश सिंह काका को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस अब मामले की आगे की जांच कर रही है।