सेना भर्ती के नाम पर करोड़ों की ठगी

Youth India Times
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फर्जी प्रशिक्षण केंद्र चलाने वाला दंपती गिरफ्तार
मैनपुरी। किशनी में भारतीय पुलिस प्रोटेक्शन फोर्स के नाम से फर्जी प्रशिक्षण केंद्र चलाकर देशभर के युवाओं से सेना भर्ती के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले अरविंद पांडेय और उसकी कथित पत्नी सुमित्रा को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने इस मामले में करीब 60 पीड़ितों तक पहुंच बनाई है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।
पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस वार्ता में एसपी गणेश प्रसाद साहा ने बताया कि अरविंद पांडेय, मूल रूप से राजपुर, कुर्रा का निवासी, गाड़ीवान मोहल्ला (मैनपुरी) और फरीदाबाद (हरियाणा) में भी रहता था। वह सुमित्रा के साथ मिलकर किशनी में अवैध प्रशिक्षण केंद्र संचालित कर रहा था। तेलंगाना के पिता-पुत्र की शिकायत पर जांच शुरू हुई, जिसमें प्रति व्यक्ति 3-5 लाख रुपये ठगने का खुलासा हुआ। जांच के बाद पुख्ता सबूतों के आधार पर दोनों को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस पूछताछ में अरविंद ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। इंस्पेक्टर ललित भाटी के अनुसार, अरविंद ने हाईस्कूल तक भी पढ़ाई नहीं की। 2011 में उसने शिकोहाबाद के एक पीएसी कर्मी की बेटी निधि यादव से शादी की, जिससे दो बच्चे हैं। निधि फरीदाबाद में रहती है। 2014 में अरविंद ने मैनपुरी में मोबाइल की दुकान खोली, जहां लोगों के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से लोन कराया। इसके बाद उसने हिंदुस्तान दंत मंजन कंपनी, मिस इंडिया प्रतियोगिता, एक राजनीतिक दल और नेशनल एंटी करप्शन क्राइम ब्यूरो के नाम पर ठगी की। 2023 में घिरोर बाईपास पर खोला गया प्रशिक्षण केंद्र पानी भरने से बंद हो गया।
सुमित्रा (21) ने बताया कि 2023 में वह अरविंद के घिरोर केंद्र में सेना भर्ती की तैयारी के लिए आई थी। नौकरी नहीं मिलने पर उसने अरविंद की ठगी का विरोध किया। इसके बाद अरविंद ने उसे नौकरी दी और बाद में मंदिर में प्रेम विवाह कर लिया। अरविंद की उम्र 40 वर्ष से अधिक है।
सीओ भोगांव सत्यप्रकाश शर्मा के अनुसार, अरविंद ने आगरा के प्रतीक टावर में कार्यालय खोला, जहां सुमित नामक वीडियो एडिटर ने उसका फर्जी आर्मी कैप्टन आईकार्ड तैयार किया। यूट्यूब पर वीडियो अपलोड कर युवाओं को झांसे में लिया जाता था। किशनी में 12 बीघा जमीन किराए पर लेकर केंद्र खोला गया, जहां सेंटर विजिट की फीस 2150 रुपये थी। प्रशिक्षण के लिए आने वाले युवाओं को कमीशन देकर अन्य युवाओं को बुलाया जाता था।
एसपी सिटी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि अरविंद के बैंक खातों में ज्यादा रकम नहीं मिली। दिल्ली की एक सीए फर्म के नोएडा निवासी सीए के अरविंद के पैसे का हिसाब रखने की बात सामने आई है। अरविंद ने बताया कि तेलंगाना में हुए एक एक्सीडेंट के निपटारे में 30 लाख रुपये खर्च हुए। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों, निधि यादव और सुमित की तलाश में जुटी है। अरविंद के पूर्व सैनिकों से संपर्क और उन्हें सम्मानित करने की आड़ में भरोसा जीतने की कोशिश भी सामने आई है।

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