आजमगढ़ : एसडीएम संत रंजन की अनूठी पहल, नहीं खोदी जाएंगी पूर्वजों की कब्रें

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पानी की टंकी के लिए चल रही बोरिंग को ग्रामीणों के विरोध के बाद रोका
ग्रामीणों और राजस्व टीम के साथ बैठक कर निकाला नया रास्ता
रिपोर्ट : आरपी सिंह
आजमगढ़। फूलपुर तहसील के ग्राम पंचायत सुदनीपुर के चकनूरी गांव में जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकी के लिए चल रही बोरिंग को ग्रामीणों के विरोध के बाद रोक दिया गया था। ग्रामीणों ने गाटा संख्या 314 को कब्रिस्तान बताते हुए इसका विरोध किया। अब एसडीएम फूलपुर ने ग्रामीणों और राजस्व टीम के साथ बैठक कर नया रास्ता निकाला है। पानी की टंकी अब गाटा संख्या 314 की जगह गाटा संख्या 22 पर बनाई जाएगी।
चकनूरी गांव में कुंवर नदी के किनारे गाटा संख्या 314 पर जल जीवन मिशन के तहत बोरिंग का कार्य शुरू हुआ था। ग्रामीणों ने इस जमीन को कब्रिस्तान बताते हुए काम रुकवाया और मशीन हटवा दी। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 50 वर्षों से वे इस क्षेत्र में अपने पूर्वजों के शव दफन करते आ रहे हैं। बरसात में बाढ़ के समय ऊंचे स्थान और नदी का जल स्तर कम होने पर निचले स्थान पर शव दफन किए जाते हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांव में अन्य ग्रामसभा की जमीनें उपलब्ध हैं, जिन पर भूमाफियाओं ने कब्जा किया हुआ है। उन्होंने मांग की कि इन जमीनों को कब्जामुक्त कराकर वहां टंकी बनाई जाए।
ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए एसडीएम फूलपुर संत रंजन ने प्रधान पति राजबहादुर यादव और लेखपाल सोनू गिरी की उपस्थिति में बैठक की। बैठक में ग्रामीणों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गाटा संख्या 22 को पानी की टंकी के लिए उपयुक्त पाया गया। राजस्व टीम ने बताया कि यह जमीन नवीन परती के रूप में दर्ज है और टंकी के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध है। एसडीएम ने तत्काल सर्वे कराकर गाटा संख्या 22 पर टंकी निर्माण की अनुमति दे दी।
''ग्रामीणों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए गाटा संख्या 22 पर पानी की टंकी के निर्माण की सहमति बनी है। अब गाटा संख्या 314 की जगह गाटा संख्या 22 पर टंकी बनाई जाएगी।''
- संत रंजन, एसडीएम, फूलपुर

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