इस मामले को लेकर जिला प्रशासन ने की बड़ी कार्रवाई, मचा हड़कंप
संभल। निजी प्रकाशकों की किताबें बेचने और छात्रों को विशेष दुकानों से खरीदने के लिए मजबूर करने के मामले में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। संभल जिले के 33 निजी स्कूलों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम के उल्लंघन के तहत की गई है। जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने रविवार को बताया कि सीबीएसई और आईसीएसई से संबद्ध स्कूलों में इस्तेमाल हो रही किताबों की जांच कराई गई थी। जांच में सामने आया कि 33 स्कूल निजी प्रकाशकों की किताबें चला रहे थे। इसके अलावा छात्रों को केवल विशेष विक्रेताओं से ही किताबें खरीदने के लिए मजबूर कर रहे थे। यह नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। प्रशासन ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वह एक सप्ताह के भीतर जुमार्ने की राशि जमा कर उसका प्रमाण जिला विद्यालय निरीक्षक को सौंपें। जिला अधिकारी ने यह भी कहा कि यदि निदेर्शों का पालन नहीं किया गया तो आगे की कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन ने 34 स्कूलों का निरीक्षण कर कई गड़बड़ी पकड़ी थी। निरीक्षण करने वाली टीमें अपनी अपनी रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन को सौंपी। इन रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई। जांच में एनसीईआरटी किताबों की जगह निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ाई जाती मिली थीं। इसके अलावा फीस वसूली को लेकर भी छानबीन शुरू की गई। 16 अप्रैल को जिलेभर के निजी स्कूलों में निरीक्षण किया गया था। यह निरीक्षण डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया के आदेश पर किए गए थे। इसके लिए 34 टीमें निरीक्षण के लिए अलग-अलग पहुंची थीं। इन टीमों को कई गड़बड़ी मिली थीं। डीआईओएस श्यामा कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट तैयार की गई। वह रिपोर्ट डीएम को भेजी गई।