आजमगढ़ : अब सहज हास्पिटल में भी होगा नि:संतान दम्पत्तियों का इलाज, भरेगी गोद

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सीमा हॉस्पिटल एण्ड ईवा फर्टिलिटी एण्ड आईवीएफ सेंटर की एक और शाखा का हुआ उद्घाटन
आजमगढ़। 15 वर्षों से इनफर्टिलिटी के क्षेत्र में नि:संतान दम्पत्तियों को डा० सीमा पाण्डेय आईवीएफ के ईलाज के द्वारा उनकी गोद भर रही है। इसी उद्देश्य के तहत सीमा हास्पिटल एण्ड ईवा फर्टिलिटी एण्ड आईवीएफ सेंटर की एक और शाखा का उद्घाटन सहज हास्पिटल आजमगढ़ में डा० सीमा पाण्डेय के द्वारा किया गया। डा० सीमा पाण्डेय ने बताया कि इस शाखा का उद्देश्य यह है कि आजमगढ़ शहर के नि:संतान दम्पत्तियों को आईवीएफ के ईलाज के लिए बाहर न जाना पड़े और आईवीएफ की नवीनतम तकनीक उनको शहर आजमगढ़ में ही मिल जाये।
इनफर्टिलिटी (बांझपन) पर विस्तार से बताते हुए डा० सीमा पाण्डेय ने बताया कि अक्सर यह देखा जा रहा है कि भविष्य को बेहतर बनाने के लिए लोग पढ़ाई करते हैं और नौकरी पाने के बाद लेट शादी करते हैं। भारतीय महिलाओं की प्रजजन क्षमता अन्य देशों की भांति पांच वर्ष कम होती है। 32 वर्ष की उम्र तक आते-आते 80 प्रतिशत प्रजनन क्षमता कम हो जाती है। अगर कोई दम्पत्ति 32 वर्ष की उम्र में शादी करता है और छ: महीने तक अगर उनको कोई संतान नहीं होती है तो ऐसे लोगों को डाक्टर से मिलकर अपनी जांच जरूर करवा लेनी चाहिए। तीस साल के उम्र से कम के दम्पत्तियों को अगर कोई अन्य बीमारी नहीं है और परिवार में बच्चा देर से पैदा होने की कोई घटना नहीं हुई हो तो वे एक साल तक प्रक्रिया को अपनाये और अगर एक साल तक बच्चा नहीं हो रहा है तो उनको बांझपन की जांच करवा लेनी चाहिए।
सहज हास्पिटल के यूरोलाजिस्ट डा० तुषित राय ने हमारे अस्पताल में बांझपन सम्बन्धित सम्पूर्ण इलाज कर दम्पत्ति को अभिभावक बनने का गौरव प्रदान किया जायेगा। पहले जनपद के मरीजों बांझपन के इलाज के लिए महानगरों में जाना पड़ता था लेकिन डा० सीमा पाण्डेय जो इस मामले में स्पेशलिस्ट हैं उनके सहयोग बांझपन के शिकार दम्पत्ति का सम्पूर्ण इलाज की सुविधा मुहैय्या कराई जायेगी।

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