बच्चों में कृमि पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालते हैं-सीएमओ
आजमगढ़। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर करतालपुर स्थित जीडी ग्लोबल स्कूल में कृमि मुक्ति दिवस मनाया गया। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 2025 की थीम "वर्म फ्री चिल्ड्रेन, नेशन" है। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने फीता काटकर किया। विद्यालय के प्रबंधक गौरव अग्रवाल, कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल एवं विद्यालय की प्रधानाचार्या दीपाली भुस्कुटे ने मुख्य अतिथि जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल तथा मुख्य चिकित्साधिकारी अशोक कुमार सिंह को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। विद्यालय के बच्चों ने अतिथियों के सम्मान में स्वागत गीत प्रस्तुत किया। महाकुंभ की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए बच्चों द्वारा महाकुंभ पर सामूहिक गीत प्रस्तुत किया गया। राष्ट्र के बच्चों को कृमि संक्रमण से मुक्त करने तथा समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से बच्चों द्वारा मनमोहक नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई। मुख्य अतिथि ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 1-19 वर्ष की आयु के सभी पूर्वस्कूली और स्कूली बच्चों (नामांकित और गैर-नामांकित) को कृमि मुक्त करना है, ताकि उनके समग्र स्वास्थ्य, पोषण स्थिति, शिक्षा तक पहुंच और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि बच्चों में कृमि पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालते हैं, और एनीमिया, कुपोषण और मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए, 2015 में भारत सरकार ने 1-19 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को कृमि मुक्त करने के लिए एक निश्चित दिन आंगनवाड़ी और स्कूल-आधारित राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की शुरूआत की और यह निश्चित दिन 10 फरवरी निर्धारित है। इस वर्ष का हमारा लक्ष्य है कि सभी बच्चे कृमि संक्रमण मुक्त हों। विद्यालय के विद्यालय के प्रबंधक गौरव अग्रवाल ने अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए अपने संदेश में कहा कि सरकार द्वारा शिक्षा एवं स्वास्थ्य हेतु विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जाती है। हम सबको इससे अवगत रहते हुए लोगों को जागरुक करना चाहिए तथा लाभान्वित होना चाहिए। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य 1 से 19 साल के बच्चों को कृमि मुक्त करना है। स्कूलों के माध्यम से बच्चों को कृमिनाशक दवाएं दी जाती हैं। कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल ने बच्चों को जागरूक करते हुए कहा कृमि संक्रमण से छुटकारा पाने से बच्चों का स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, और जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है। कृमि संक्रमण से बचने के लिए, बच्चों को नियमित रूप से कृमिनाशक दवाएं देनी चाहिए। कृमि संक्रमण से बचने के लिए, बच्चों को साफ पानी पीना चाहिए और सुरक्षित भोजन करना चाहिए।
विद्यालय की प्रधानाचार्या दीपाली भुस्कुटे ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कृमि संक्रमण से मुक्त होने की यह दवा एलबैंडाजोल न केवल शारीरिक अपितु आपका मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा बनाएगा। साथ ही साथ जब आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तभी आपकी शैक्षिक प्रगति भी अच्छी होगी। उन्होंने सरकार की इस योजना से लोगों को लाभान्वित करने के लिए सम्मानित अधिकारियों को बधाई भी दी।