आजमगढ़ : तकनीकी कौशल, नवाचार और उद्यमशीलता की मानसिकता को अपनाना आज के युग की आवश्यकता-डॉ. पीयूष सिंह, चेयरमैन

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लाइफ लाइन एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में 'फार्मेसी में उ‌द्यमिता' पर विशेष व्याख्यान का आयोजन

आजमगढ़। लाइफ लाइन एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, समेंदा आजमगढ़ में 27 फरवरी को "छात्र विकास कार्यक्रम" के अंतर्गत एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान का विषय "फार्मेसी में उद्यमिता" (Entrepreneurship in Pharmacy) था, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. (डॉ.) आर. एन. गुप्ता ने अपने विचार साझा किए।
इस कार्यक्रम का उ‌द्देश्य फार्मेसी क्षेत्र में छात्रों को उ‌द्यमिता के प्रति जागरूक करना था, ताकि वे इस क्षेत्र में स्टार्टअप, व्यवसाय एवं स्वरोजगार की संभावनाओं को समझ सकें। कार्यक्रम में उ‌द्यमिता के विभिन्न पहलुओं, फार्मेसी उद्‌द्योग में नए अवसरों, चुनौतियों और संभावित नवाचारों पर विस्तृत चर्चा की गई।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. (डॉ.) आर. एन. गुप्ता, इंडियन फार्मास्युटिकल एसोसिएशन (IPA) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बिट्स रांची के सेवानिवृत्त प्रोफेसर, तथा नाइपर (NIPER) कोलकाता में अतिथि प्रोफेसर हैं। उन्होंने अपने व्यापक अनुभव और शोध कार्यों के आधार पर छात्रों को व्यवसायिक कौशल, नवाचार, स्टार्टअप, औ‌द्योगिक प्रक्रियाओं और आत्मनिर्भरता पर मार्गदर्शन दिया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के डीन प्रो. अभय प्रताप यादव ने की। उन्होंने छात्रों को उ‌द्यमिता के महत्व एवं आधुनिक समय में फार्मेसी के बढ़ते अवसरों के बारे में प्रेरित किया। वहीं, संस्थान की निदेशिका डॉ. सुमन ने अपने संबोधन में कहा कि आज के दौर में फार्मेसी में उ‌द्यमिता सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि एक सुनहरा अवसर है। यदि सही दिशा में मेहनत की जाए, तो यह क्षेत्र आर्थिक रूप से लाभदायक होने के साथ-साथ समाज के लिए भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
संस्थान के चेयरमैन डॉ. पीयूष सिंह ने छात्रों को फार्मेसी उ‌द्यमिता और तकनीक में हो रहे नवीनतम नवाचारों और ऑटोमेशन के वैश्विक स्तर पर विस्तार के बारे में बताया। उन्होंने जोर दिया कि तकनीकी कौशल, नवाचार और उद्यमशीलता की मानसिकता को अपनाना आज के युग की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के मुख्य बिंदुः 1. फार्मेसी क्षेत्र में स्टार्टअप की संभावनाएँ- कैसे छात्र अपनी पढ़ाई के साथ स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं। 2. औषधि निर्माण उ‌द्योग में नए अवसर नई टेक्नोलॉजी और शोध कार्यों से जुड़े व्यावसायिक अवसर। 3. स्वरोजगार एवं नवाचार - फार्मेसी ग्रेजुएट्स के लिए स्वरोजगार की संभावनाएँ और सरकारी योजनाएँ। 4. औषधीय उत्पादों की मार्केटिंग एवं बिक्री रणनीति उद्यमिता को सफल बनाने के लिए प्रभावी विपणन (Marketing) के तरीके।
कार्यक्रम में संस्थान के सभी शिक्षकों एवं छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उपस्थित शिक्षकों में अमीर सर, रिजवान सर, अभिषेक सर, सुयोग मैम, रवि सर, आलोक सर, ब्यूटी मैम और अन्य शिक्षण स्टाफ शामिल रहे। छात्रों ने इस व्याख्यान से प्रेरणा लेकर अपने विचार साझा किए और फार्मेसी में नए व्यवसायिक अवसरों के बारे में विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम के अंत में प्रो. (डॉ.) आर. एन. गुप्ता ने छात्रों के प्रश्नों के उत्तर दिए और उन्हें भविष्य में फार्मेसी क्षेत्र में नए व्यवसायों की शुरुआत के लिए प्रेरित किया। संस्थान के एडमिनिस्ट्रेटर अजय यादव ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और छात्रों को इस तरह के ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों में अधिक से अधिक भाग लेने के लिए प्रेरित किया। यह कार्यक्रम छात्रों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक रहा। इस तरह के आयोजन न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि व्यवसाय और स्वरोजगार की दिशा में भी छात्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

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