एक ही फंदे पर लटके मिले चाचा-भतीजी के शव

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शादी के पहले चली गई थी युवती, मां ने दिलाई थी कसम
कानपुर। कानपुर में सजेती क्षेत्र के डुहरू गांव के खंडहरनुमा घर में बुधवार को एक ही फंदे पर लटके मिले प्रेमी युगल के शव की शिनाख्त घाटमपुर निवासी सोनी और अंकित के रूप में परिजनों ने की है। दोनों रिश्ते में चाचा-भतीजी लगते हैं। घाटमपुर से घटनास्थल सजेती लगभग आठ किमी दूर है। पोस्टमार्टम हाउस में गुरुवार को परिजनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाकर हंगामा भी किया।
पुलिस ने दोनों परिवारों को समझाकर शांत कराया। घाटमपुर के जवाहरनगर द्वितीय कस्बा में रहने वाले पुत्तन उर्फ उत्तम संखवार ने बताया कि उनकी बेटी सोनी (21) की शादी 15 फरवरी को होनी थी। वह 14 फरवरी को दोपहर 12:30 बजे ब्यूटी पार्लर जाने के लिए निकली थी। इसके बाद घर लौटकर नहीं आई। घाटमपुर थाने में सोनी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
आरोप लगाया था कि उनकी बेटी को अंकित और उनके परिवार के लोगों ने अगवा कर लिया है। पुलिस ने अंकित के पिता और परिवार के अन्य लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन दोनों का कुछ पता नहीं चला। लड़के वालों को जानकारी देकर शादी निरस्त कर दी गई थी। वहीं, अंकित के परिजनों ने भी सोनी के परिजनों पर आरोप लगाते हुए बेटे की मौत का जिम्मेदार ठहराया है।
बहन सरोजनी ने बताया कि उनका भाई अंकित सूरत में एक फैक्टरी में नौकरी करता था। परिजनों को दोनों के प्रेम-प्रसंग की जानकारी थी। शादी के पहले 10 फरवरी को अंकित का अचानक घर आना मां फूलमती को खटक गया। सूरत से घर पहुंचते ही बाहर जाने लगा तो मां ने उसे रोका।
इस पर उसने बताया कि एक दोस्त से मिलना है। मां फिर भी नहीं मानी और सिर पर हाथ रखवाकर कसम दिलाई। कहा कि सोनी की शादी है, तुम उसके घर नहीं जाओगे और उससे मिलोगे नहीं। इसके बाद अंकित घर से निकल गया। उसके बाद से कोई सुराग नहीं मिल रहा था। परिवार के लोगों ने रेउना थाने में बेटे के लापता होने की शिकायत की थी।
अंकित के परिजनों ने सोनी के परिजनों पर आरोप लगाया है कि अंकित गांव नहीं आना चाहता था। सूरत में नौकरी करने के बाद भी प्रेम-प्रसंग के चलते उसके पास एक भी रुपये नहीं बचते थे। सोनी की मां अंकित से बेटी की शादी कराना चाहती थी, लेकिन परिवार के लोग राजी नहीं थे। इस वजह से शादी से पहले लड़की की मां ने ही पांच हजार रुपये अंकित के खाते में भेजकर उसे गांव बुलाया था।

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