आजमगढ़ : लोकतंत्र में तानाशाही होती है खतरनाक-रघु ठाकुर

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समाचारों में दूसरे पक्ष को भी मिले जगह-रेहान फजल
दो दिवसीय राष्ट्रीय संवादी उत्सव का हुआ आयोजन
देश भर से जुड़े मीडिया और जन सरोकार के विचारक
आजमगढ़। लोकतंत्र,मीडिया एवं सरोकार के स्वरूप पर जन चेतना की चिंता और चिंतन का दो दिवसीय संवादी उत्सव आजमगढ़ के हरिऔध कला केंद्र में आयोजित हुआ। संवादी उत्सव में देश के विभिन्न भागों से आए हुए मीडिया कर्मियों एवं विचारकों ने अपनी बात रखी।
राष्ट्रीय संवाद उत्सव के प्रथम सत्र में प्रख्यात गांधीवादी विचारक रघु ठाकुर ने लोकतंत्र में तानाशाही और सिविल नाफरमानी पर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में वीआईपी कल्चर समाप्त होना चाहिए। सरकार मानव अधिकारों की रक्षा के लिए है लोकतंत्र में हस्तक्षेप करना राज्य का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जब तानाशाही आती है तो वह सबसे खतरनाक होती है।
बीबीसी के वरिष्ठ पत्रकार रेहान फजल ने कहा कि आज समाचारों को ब्रेक करने के दौर में गलत खबरें भी प्रसारित हो जा रही है इस पर चिंतन करने की आवश्यकता है। खबर भेजने के पहले पुन: सत्यापन जरूर करें। उन्होंने कहा कि समाचार में दूसरे पक्ष को भी बराबर की हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। प्रेस फ्रीडम इंडेक्स पर भारत के 161 में स्थान पर होने पर चिंता जाहिर की।
राज्यसभा टीवी के वरिष्ठ पत्रकार रहे अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि खेती बाड़ी पर पत्रकारिता के लिए बहुत ही विषय है। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी के बहुत से लोग खेती बाड़ी के बारे में जानते नहीं है यह दुखद है। आज गांव के किसान की ही दें है कि वह मानव और जानवर दोनों का पेट भर रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके अनाज का न्यूनतम मूल्य मिलना चाहिए।
पूर्व आईएएस अधिकारी एवं भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष एनपी सिंह ने सनातन धर्म की वैश्विक दृष्टि पर कहा कि सनातन वही हो सकता है जो निरंतर गत्यात्मक हो। सनातन धर्म किसी ठहराव का परिचारक नहीं है। उन्होंने कहा कि मनुष्य एवं प्रकृति के बीच एकीकृत रिश्ता है।
वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार पंकज चतुवेर्दी ने बाल मनोविज्ञान और बाल साहित्य पर अपनी बात रखी। धनेश चिड़िया की कहानी से विज्ञान और मानव मूल्यों पर प्रकाश डाला। कहा कि बच्चों के मनोविज्ञान को छोटी सी कहानी के माध्यम से बदला जा सकता है। बच्चों को किताबों से जोड़ेंगे तभी वह मोबाइल से दूर रहेंगे।
जन आंदोलन और सरकारों के बीच बढ़ती संघर्ष की रेखा पर प्रख्यात समाजवादी विचारक विजय नारायण ने विचार व्यक्त किए। हैदराबाद की पत्रकार कुमुद जैन ने दक्षिण में हिंदी और हिंदी पत्रकारिता पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत जनादेश टुडे के संपादक अरविंद कुमार सिंह ने किया। संचालन पत्रकार आशुतोष द्विवेदी एवं अमन त्यागी ने किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल, जय शंकर गुप्त, सुधीर सक्सेना, यशवंत सिंह, गोपाल जी राय, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ ईश्वर चंद्र त्रिपाठी, रामाधीन सिंह, डॉ माधुरी सिंह, दिनेश गुप्त, राजेंद्र प्रसाद यादव, मोहम्मद नोमान, सुभाष चंद्र सिंह, डॉ भक्तवत्सल, सौरभ उपाध्याय, डॉ माहेश्वरी कांत पांडे, श्याम नारायण सिंह समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।

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