यूपी उपचुनाव: तय हुए भाजपा के प्रत्याशियों के नाम

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केंद्रीय नेतृत्व ने दी मंजूरी, नामांकन को बचे हैं तीन दिन

लखनऊ। प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवारों की सूची मंगलवार को आएगी। इसका संकेत खुद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने दी है। दिल्ली में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए चौधरी ने कहा कि प्रदेश कोर कमेटी ने सभी सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम का पैनल पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भेजा था, उसे भाजपा के केंद्रीय चुनाव समिति ने मंजूरी दे दी है। समिति ने इस पैनल में ही प्रत्याशियों का चयन किया है। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी। वहीं, सूत्रों का कहना है कि भाजपा के सभी प्रत्याशियों की सूची बुधवार को जारी हो सकती है। बता दें कि उप चुनाव के लिए नामांकन करने की अंतिम तारीख 25 अक्तूबर है। सपा ने सात सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में अब भाजपा भी सूची जारी करेगी। प्रदेश भाजपा की ओर से एक सप्ताह पहले ही एक सीट पर तीन-तीन नाम का पैनल तैयार कर केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया गया था, जिसे मंजूरी मिल चुकी है। दरअसल प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सोमवार को पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित संगठन चुनाव को लेकर कार्यशाला में शामिल होने दिल्ली में थे। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए चौधरी ने कहा,पार्टी की केंद्रीय इकाई से नामों पर सहमति मिल गई है और एक-दो दिन में सूची आ जाएगी। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में पार्टी की ओर से संगठन चुनाव को लेकर आयोजित कार्यशाला में हर हाल में जनवरी तक सभी स्तरों पर संगठन चुनाव को पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस बारे में सभी प्रदेशों के चुनाव अधिकारियों और प्रदेश प्रभारियों को जिला, मंडल, क्षेत्र और प्रदेश स्तरीय संगठन के चुनाव की प्रक्रिया तत्काल शुरू करते हुए जनवरी तक पूरा करने को कहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि यूपी में जनवरी तक भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। सूत्रों के मुताबिक यूपी में 2027 के चुनाव को देखते हुए भाजपा दलित व पिछड़े समाज के किसी चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। हालांकि शीर्ष नेतृत्व ऐसे ब्राह्मण चेहरे को लेकर भी मंथन कर रहा है, जिसे अध्यक्ष बनाने से पार्टी को फायदा मिल सके। पर सबसे अधिक फोकस दलित व पिछड़े चेहरे पर ही है। उधर प्रदेश संगठन में दायित्व संभाल चुके कई वर्तमान व पूर्व पदाधिकारियों के अलावा कई मंत्री और पूर्व जनप्रतिनिधि भी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर दावेदारी कर रखी है।

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