एमबीबीएस से लेकर चपरासी तक पैसे की डिमांड और मुराद पूरी
रिपोर्ट : वेद प्रकाश सिंह 'लल्ला'
आजमगढ़। हकीकत का सामना करने से सरकार हमेशा आईना को उलट कर देती है। बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए की गई तमाम नियुक्ति के बारे में पेपर लीक आउट की घटना सर्व विदित है, लेकिन कुर्सी के मुंह में फंसी भाजपा की डबल इंजन सरकार इसे नहीं मानती। भले प्रत्यक्ष प्रमाण के साथ इस तरह खबरें अखबारों में या सोशल मीडिया में सुर्खियां बनती हैं । इसका ताजा प्रमाण मंगलवार को जिले के रानी की सराय क्षेत्र में स्थित राजेंद्र स्मारक कालेज सेठवल में देखने को मिला, जहां डीएलएड की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी खुलेआम नकल करते पकड़े गए। सीसीटीवी कैमरे की दैखरेख में कराई जा रही इस परीक्षा के लिए लगाए गए परीक्षक जुमला बोल कर नकल करा रहे थे। यह दृश्य सीसी कैमरे में कैद फुटेज की जगह सामूहिक नकल की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अधिकारियों द्वारा की गई है। स्कूल प्रबंध तंत्र से 18 लख रुपए की बरामदगी नकल कराने के विषय पर बहुत बड़े सवाल खड़ी करती है।
जिले में डीएलएड यानी बीटीसी के परीक्षार्थी तमाम परीक्षा केंद्रों पर अपने भाग्य आजमा रहे हैं लेकिन उन्हें अच्छे नंबरों से पास कराने का जिम्मा संभाल रहे लोगों का तंत्र इतना मजबूत कि पैसा दो और डिग्री लो की तर्ज पर काम करता है और आगे भी करता रहेगा। यह बात इसलिए कही जा रही कि स्वास्थ्य और शिक्षा इन दोनों विषयों पर सरकार फेल है और इन दोनों जगहों पर माफियाओं का कब्जा है। उनकी कमियां बताने वाले स्वर्ग चले गए उनकी कृपा से और उनके परिवार आज झाड़ू बर्तन कर जीवन यापन कर रहे हैं। सच कहने में भी डर लगता है कि उनके सिंडिकेट को तोड़ने में सरकार हिल जाएगी, हमारी क्या बिसात। खैर मंगलवार को आजमगढ़ प्रशासन ने जो नकल माफियाओं का पर्दाफाश किया शायद प्रदेश शासन आगामी पुलिस भर्ती या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अपने को संभाल सकती है। वैसे तो जनता बंगलादेश का हश्र देख खुद को तैयार कर ही रही होगी ऐसा हमें विश्वास है। जयहिंद।