एसटीएफ की टीम ने आजमगढ़ सहित इन जिलों में मारा छापा

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सिंथेटिक ड्रग्स और केमिकल के साथ 6 गिरफ्तार
फ्लाइट से आकर महिला तस्कर मुंबई ले जाती थी ड्रग्स

वाराणसी/आजमगढ़। बड़ागांव क्षेत्र के औसानगंज और आजमगढ़ जिले के बरदह कस्बे में यूपी-एसटीएफ की दो टीमों ने छापा मार कर सिंथेटिक ड्रग्स की तैयार खेप और उसे बनाने में काम आने वाले केमिकल व उपकरणों के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की पहचान शिवपुर क्षेत्र में रहने वाले व जौनपुर के बरसठी थाना के पाली के संदीप तिवारी, शिवपुर क्षेत्र के होलापुर के ललित पाठक, बड़ागांव थाना के धनंजयपुर के विजय पाल व बिंदू पटेल, महाराष्ट्र के नाला सोपाड़ा ईस्ट के अनिल जायसवाल और गुजरात के श्रीनाथजी नगर, चलावापी के निलेश पांडेय के रूप में हुई है। एसटीएफ की वाराणसी इकाई के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि महाराष्ट्र के ठाणे की क्राइम ब्रांच ने संपर्क किया था। बताया कि ठाणे जिले के कसावडावली थाने में दर्ज नारकोटिक्स एक्ट के मुकदमे के आरोपी वाराणसी और उसके आसपास के जिले में छुप कर रह रहे हैं। वह आरोपी सिंथेटिक ड्रग्स तैयार कर महाराष्ट्र ले जाकर बेच रहे हैं। इस सूचना के आधार पर 16 मार्च 2024 को भगवतीपुर (मझवां) से सिंथेटिक ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया था। गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ के दौरान अन्य आरोपियों का नाम प्रकाश में आया और उन्हें भी अभियुक्त बनाया गया। उनकी गिरफ्तारी के लिए एक बार फिर ठाणे की क्राइम ब्रांच ने एसटीएफ से संपर्क किया। इस पर फील्ड इकाई के इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह और इंस्पेक्टर अमित श्रीवास्तव के नेतृत्व में दो टीमों का गठन किया गया। इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह को विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली कि गिरोह के गुर्गे आजमगढ़ के कस्बा बरदह में सुप्रिया मोबाइल सेंटर के अन्दर सिंथेटिक ड्रग्स तैयार कर महाराष्ट्र भेज रहे हैं। सूचना के आधार पर छापा मार कर अनिल, निलेश, विजय और बिंदू को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही इंस्पेक्टर अमित श्रीवास्तव ने औसानगंज के पास से संदीप और ललित को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों को ठाणे पुलिस ने बड़ागांव और बरदह थाने में दाखिल किया है। न्यायालय से ट्रांजिट रिमांड प्राप्त कर सभी को महाराष्ट्र ले जाया जाएगा। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि केमिकल को सही अनुपात में मिलाने का काम संदीप, विजय और बिंदू जानते हैं। संदीप ने ही विजय और बिंदू को केमिकल मिक्स करने का काम सिखाया था। ओम गुप्ता उर्फ मोनू गुप्ता के सहयोगी अनिल जायसवाल व निलेश सिंथेटिक ड्रग्स तैयार करने के लिये वापी (गुजरात) के केमिकल लैब की दुकानों से अवैध तरीके से केमिकल लेते थे। फिर, विजय और बिंदू को ड्रग्स तैयार करने के लिए उपलब्ध कराते हैं। इसके बाद इनके द्वारा बरदह में सुप्रिया मोबाइल शॉप के अंदर सिंथेटिक्स ड्रग्स तैयार करते थे। सिंथेटिक ड्रग्स तैयार होने के बाद सेंट्रल मुंबई की सेमी उर्फ सविता श्यामलाल सरकार फ्लाइट से आती थी। वह तैयार ड्रग्स को आठ लाख रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से ले जाती है। चार दिन पहले वह 2.5 किग्रा सिंथेटिक ड्रग्स लेकर गई है। उसका पैसा मुंबई में अनिल जायसवाल के भाई दिलीप जायसवाल को दी है। सेमी उर्फ सविता ने पांच किग्रा सिंथेटिक ड्रग्स तैयार कर उपलब्ध कराने के लिये एडवांस पैसे दिया है।

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