आजमगढ़: सीएम-डीएम का आदेश तहसील कर्मियों के ठेंगे पर

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क्या देवरिया जैसे नरसंहार की बाट जोह रहा है तहसील प्रशासन

आजमगढ़। जिलाधिकारी द्वारा अतिक्रमण हटवाने के आदेश के बावजूद तहसील प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। पीड़िता द्वारा प्रशासन को इस बात से भी अवगत कराया गया कि कभी भी उनके साथ आरोपियों द्वारा बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता है। देवरिया में जमीन को लेकर हुए नरसंहार के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा जहां ऐसे मामलों का जल्द से जल्द निबटारा करने का आदेश पारित किया गया है। इतना ही नहीं सीएम योगी द्वारा ऐसे मामलों में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई भी की गयी है, फिर भी आजमगढ़ जनपद के मेंहनगर तहसील कर्मियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है, लगता है उन्हें देवरिया जैसी घटना का इंतजार है।
मेंहनगर तहसील के ग्राम चकफिरोज की एक पीड़िता का आरोप है कि आ.नं. 78 रकबा 57 कड़ी स्थित मौजा हथौड़ी सरकारी अभिलेखों में नवीन परती खाते दर्ज है जिस पर गांव के कुछ दबंगों ने अपने नाम आवंटन कराया लिया। जिस पर पति ने तत्कालीन जिलाधिकारी के न्यायालय में पट्टा निरस्तीकरण का मुकदमा दाखिल किया गया। वर्ष 2001 में पट्टा निरस्त कर दिया गया। वर्तमान न्यायालय अपर सिविल जज कोर्ट नं. 23 से मुकदमा भी खारिज हो गया। फिर भी दबंग लोग जमीन खाली नहीं कर रहे है। इस संबंध में दो सप्ताह पहले तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र दिया गया। आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मेहनगर तहसील के चकफिरोज निवासी राजकुमारी पत्नी स्व.लालबहादुर का आरोप है कि सीताराम, दयाराम, गुलाब, रामअवतार पुत्र गण बलजीत व कुसुम पत्नी सीताराम व शशिकला पत्नी दयाराम जबरदस्ती विवादित जमीन में पानी का नल लगवा लिया। मना करने पर गाली-गलौच व लाठी डंडा से मारने व जान से मारने की धमकी दे रहे है। उक्त जमीन में हमलोगों का कुआ था जिसे पाटकर करकट रख लिए और उस जमीन को बाउंड्री से घेरकर कृषि कार्य कर रहे है। जिलाधिकारी द्वारा अतिक्रमण हटवाने का आदेश पारित है लेकिन फिर भी जबरदस्ती अतिक्रमण करते जा रहे है।

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