आजमगढ़: नेत्रहीन मां-बच्चों के लिए रामकुंवर ने फैलाई झोली

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भिक्षाटन कर जुटाई एक लाख से ज्यादा धनराशि
ब्लड कैंसर पीड़ित गोलू समेत कइयों को दिला चुके हैं नया जीवन
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। ब्लड कैंसर पीड़ित गोलू समेत अन्य कईयों के ईलाज के लिए आमजन के समक्ष झोली फैला कर भिक्षाटन करने वाले समाजसेवी एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामकुंवर यादव इन दिनों एक ऐसे परिवार की मदद का बीड़ा उठाया है जिस परिवार में मुखिया की पत्नी और दो बच्चे इस समय नेत्रहीनता का दंश झेल रहे हैं। इस परिवार के बारे में जानकारी पाकर समाजसेवा का भाव मन में पाले रामकुंवर यादव एक बार फिर पीड़ित परिवार को मदद दिलाने के उद्देश्य से क्षेत्र में भिक्षाटन कर एक लाख से ज्यादा की रकम जुटा चुके हैं। तरवां क्षेत्र के रहने वाले समाजसेवी रामकुंवर यादव को स्थानीय फद्दूपुर ग्राम पंचायत के रहने वाले एक गरीब परिवार के बारे में जानकारी मिली कि उस परिवार के मुखिया की पत्नी और उसकी दो संतानें नेत्रहीनता का शिकार हैं और आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण अपना उपचार करा पाने में असमर्थ है। उनकी पीड़ा से द्रवित होकर इस समाजसेवी ने क्षेत्र के लोगों के बीच जाकर पीड़ित परिवार को मदद दिलाने का मन बना निकल पड़े झोली फैलाए। क्षेत्र के लोगों को जब उनके मिशन की जानकारी हुई तो एक नहीं सैकड़ों हाथ उस परिवार की मदद के लिए आगे आ गए। विकास खंड तरवां के ग्राम पंचायत फद्दूपुर कुटिया निवासी अरविंद यादव मजदूरी करके किसी तरह अपने पत्नी और दो पुत्र और एक बेटी का पालन-पोषण करते हैं। उनकी समस्या पूछने पर परिवार के मुखिया अरविंद की आंखों से आंसु छलक पड़े।
मजदूरी कर परिवार की आजीविका चलाने वाले अरविन्द यादव ने बताया कि पत्नी नीलम यादव के साथ खुशहाल जीवन यापन कर रहे थे। वर्ष 2006 में पत्नी नीलम की आंखों की रोशनी मंद होने लगी। मजदूरी के पैसों से पेट पालने से लेकर दवा का इंतजाम करना काफी भारी पड़ रहा था। इसके बावजूद उसने पत्नी की आंखों की रोशनी के लिए जिले में उपचार के आलावा वाराणसी स्थित बीएचयू तथा नेपाल तक इलाज कराया लेकिन आज तक उसकी आंखों की रोशनी नहीं लौटी। पीड़ित अरविंद के तीन बच्चे हैं। दुखद बात यह कि इन बच्चों में 12 वर्षीय आशीष यादव और 10 वर्षीया बेटी अंशिका यादव की भी आंखों से कुछ दिखाई नहीं देता है जबकि आठ वर्षीय अनुज यादव की आंखों की रोशनी अभी ठीक बतायी जा रही है। अन्य बच्चों की स्थिति को देखकर मजदूर पिता अरविन्द हमेशा ईश्वर से प्रार्थना करता है , कि छोटे पुत्र अनुज यादव की आंखे सलामत रहे। अरविन्द के छलकते आंसुओं को देख पूर्व जिला पंचायत रामकुंवर यादव ने मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने सर्वप्रथम तीनों को जिला अस्पताल के नेत्रसर्जन को दिखाया तो नेत्र सर्जन बोले इलाज होने से आँख की रोशनी आ सकती हैं। चिकित्सक की बात सुनकर चौंके रामकुंवर यादव ने ठान लिया कि इस असहाय परिवार की मदद के लिए समाज के सभी सक्षम लोगों से मदद लेकर उच्चस्तरीय इलाज कराने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। समाजसेवी रामकुंवर यादव द्वारा इस तरह की सेवा की लंबी श्रृंखला में उनके द्वारा किए गए इस पूनीत कार्यों में वर्ष 2004 में हृदय रोग से पीड़ित भगवानपुर निवासी पंकज कुमार का पीजीआई लखनऊ में आपरेशन कराया। वर्ष 2006 में ब्लड कैंसर पीड़ित गोलू यादव को टाटा कैंसर रिसर्च सेंटर महाराष्ट्र में उपचार कराने के दौरान 565 यूनिट ब्लड के साथ करीब पचीस लाख रुपये का भिक्षाटन कर उसे नया जीवन दिलाया। नई जिंदगी का आनंद ले रहे गोलू इस समय कंचनपुर बाजार में मिष्ठान की दुकान चलाकर परिवार की देखभाल कर रहा है। वहीं जमीरपुर गांव के 11वर्षीय पवन राजभर ,ग्राम पंचायत ऐरा खुर्द निवासी 8 वर्षीय मासूम आदित्य यादव दोनो का इलाज भिक्षाटन कर लाखों रुपये खर्च करके उनका उपचार कैंसर अस्पताल टाटा में करा रहे हैं। रामकुंवर यादव के इस आश्वासन के बाद अरविन्द की पथराई आंखों में नई रोशनी का संचार हुआ। अब देखना यह कि इस रहस्यमयी बीमारी से परिवार को कब निजात मिलता है। श्री कुँवर ने कहा कि नेत्र सर्जन डॉ0 रजनीश ने कहा कि इलाज होने पर आ सकती है आंखों की रोशनी तो अंतिम सांस तक गरीब असहाय की मदद के लिए रामकुंवर यादव बीते रविवार से भिक्षाटन कर बुधवार एक लाख एक हजार 425 रुपये एकत्रित कर चुके हैं। भिक्षाटन का यह अभियान आगे भी चलता रहेगा, इसके लिए यह समाजसेवी कृत संकल्पित है।

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