कपड़ा कारोबारी को आजमगढ़ से लखनऊ उठा लाए

Youth India Times
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खुद को बताया पुलिसकर्मी, होटल में बंधक बनाकर मांगी फिरौती
लखनऊ। आजमगढ़ से एक कपड़ा कारोबारी को दो दिन पहले खुद को पुलिसकर्मी बताकर पांच-छह लोग बोलेरो से लखनऊ उठा लाए। निरालानगर स्थित एक गेस्ट हाउस में उसे बंधक बनाकर रखा और उसके 50 हजार के कपड़े, 20 हजार नकदी छीन ली। उसे छोड़ने के एवज में परिजनों को फोनकर 24 घंटे में एक लाख 20 हजार रुपये भेजने को कहा। परिजनों ने चिनहट में रहने वाले परिचित को फोन किया जो रुपये देने के बहाने गेस्ट हाउस पहुंचा तो उसे जमकर पीटा गया। किसी तरह जान बचाकर वह भागा। मामला खुलने के डर से आरोपी भी कारोबारी को छोड़कर भाग निकले। कारोबारी ने हसनगंज कोतवाली में मामले की तहरीर दी है। पीड़ित के परिचित का आरोप है कि आरोपितों में एक बर्खास्त सिपाही भी था। ये लोग एक चोर के बारे में पूछताछ करने के लिए उसे ले आए थे। हसनगंज पुलिस सूचना पर आई तो वहां के एक सब इंस्पेक्टर और सिपाही ने भी मदद नहीं की। एडीसीपी मध्य मनीषा सिंह का कहना है कि अभी एफआईआर नहीं हुई है। मामला आजमगढ़ से जुड़ा है। जांच जारी है। हसनगंज पुलिस दो दिन से आनाकानी कर रही है। बिजनौर निवासी इश्तियाक आजमगढ़ में गर्म कपड़े बेचने गया था।

आरोप है कि परिचित ने कन्ट्रोल रूम में सूचना दी तो हसनगंज कोतवाली से सब इंस्पेक्टर और सिपाही आए। इन लोगों ने मदद की बजाय कहा कि आपसी मामला है। खुद निपट लो और चले गए। इसके बाद आरोपित इश्तियाक को छोड़कर भाग गये। पीड़ित ने हसनगंज कोतवाली में तहरीर दी है। पीड़ित और परिचित ने जिस तरह आरोपितों के बारे में बताया, उससे सवाल उठ रहे हैं। पुलिस का कहना है कि पीड़ित ने दो आरोपितों को हसनगंज, महानगर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर बताया है। एक आरोपी को बर्खास्त सिपाही, दूसरे को सब इंस्पेक्टर बताया है। जिस तरह पहचान बतायी है, उससे लगता है कि इश्तियाक, आरोपित परिचित है। इससे लग रहा है कि इसमें कोई लेन-देन अथवा आपसी मामला है। इस बिन्दु पर भी जांच हो रही है। एडीसीपी मनीषा सिंह ने कहा कि इश्तियाक के आरोप की जांच की जा रही है। जांच में जो दोषी मिलेगा उस पर कार्रवाई होगी। वहीं हसनगंज इंस्पेक्टर ने सिर्फ इतना ही कहा कि मामला आजमगढ़ से जुड़ा है। वहां भी सूचना दी गई है।

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