80 का दूल्हा, 75 की दुल्हन, गवाह बने अधिकारी

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आंखों में आंसू ला देगी बुजुर्ग दम्पत्ति की रोचक स्टोरी
प्रतापगढ़। वर्ष 2003 में रिलीज बॉलीवुड की चर्चित फिल्म बागवान की एक बार फिर यादें ताजा हो गईं। ये नजारा कहीं और नहीं बल्कि यूपी के प्रतापगढ़ जिले में देखने को मिला। 15 साल पहले बेटों की वजह से जो दंपति अलग हो गए थे, आज वो एक बार फिर मिले। शनिवार को कचहरी में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में एक बार फिर मिल गए। लोक अदालत में दोनों ने गिले शिकवे भूलकर एक-दूसरे को माला पहनाई। इसके बाद बुजुर्ग दंपती कोर्ट के बाहर आकर सीमेंट की बेंच पर बैठ गए और एक-दूसरे को निहारते हुए घंटों बातें करता रहा। फिर न्यायालय की अनुमति मिलने पर एक साथ घर गए। कंधई इलाके के पाठक पुरवा निवासी शिवप्रसाद पाठक (80) लोकनिर्माण विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। रिटायर होने के बाद शिवप्रसाद पत्नी प्रभू देवी (75) व तीन बेटों व उनके परिवार के साथ रहने लगे। कुछ दिन बाद बेटों ने बुजुर्ग दंपती के बीच फूट डालकर अलग करा दिया। इसके बाद शिवप्रसाद बड़े बेटे के साथ उसकी पत्नी प्रभू देवी सबसे छोटे बेटे के साथ रहने लगे। कुछ दिन तक सब कुछ ठीक रहा लेकिन इसके बाद बेटों ने बुजुर्ग दंपती के बीच ऐसी फूट डाल दी कि बातचीत बंद हो गई और आए दिन विवाद होने लगा। हालात इतने बिगड़ गए कि प्रभूदेवी को अपने पति के खिलाफ गुजारा भत्ता का मुकदमा करना पड़ा। परिवार न्यायालय की पहल से बीच में एक बाहर सुलह समझौता कराया गया लेकिन कुछ दिन बाद फिर से मामला परिवार न्यायालय पहुंच गया। काफी समय से लंबित वाद निस्तारित कर बुजुर्ग दंपती के बीच सुलह समझौता कराने का प्रयास शुरू किया गया। कई दौर चली काउंसिलिंग के बाद परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सुरेश आर्य को आखिरकार कामयाबी मिल गई। बुजुर्ग दंपती को राष्ट्रीय लोक अदालत से शनिवार को जिला जज अब्दुल शाहिद, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नीरज कुमार बरनवाल, नोडल सुमित पवार सहित तमाम न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला जज अब्दुल शाहिद की मौजूदगी में 15 वर्ष बाद एक फिर से साथ रहने को राजी हुए बुजुर्ग दंपती ने एक दूसरे को माला पहनाई तो सभागार में मौजूद अधिवक्ताओं ने तालियां बजाकर बधाई दी। 15 वर्ष तक एक दूसरे से दूर रहे बुजुर्ग दंपती शनिवार को एक होने के बाद कोर्ट परिसर की एक बेंच पर जा बैठे और घंटो बतियाते रहे। पति-पत्नी एक दूसरे से पुरानी यादें साझा करते रहे। बात करते-करते दोनों की आंखें भर आईं।

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