खाते में 30 हजार रुपये डाल देना, दरोगा ने ऑनलाइन मांगी रिश्वत

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ग्रामीण ने खोली पोल, एसएसपी ने किया निलंबित
बरेली। महिला और मानवाधिकार आयोग में की गई फर्जी शिकायतें दबाने के नाम पर अलीगंज थाने के दरोगा ने एक ग्रामीण से 30 हजार रुपये रिश्वत मांग ली। इसके लिए अपना बैंक खाता नंबर भी दे दिया। सोमवार को जनसुनवाई के दौरान एसएसपी के सामने पीड़ित पेश हुआ तो वह भी चौंक गए। दरोगा राजकुमार से ऑनलाइन ही पीड़ित से सामना कराया तो वह जवाब न दे सका, एसएसपी ने दरोगा को तत्काल निलंबित कर जांच सीओ बहेड़ी को सौंप दी।
ग्रामीण ने एसएसपी को बताया कि गांव निवासी एक युवक झारखंड से अफीम व स्मैक की तस्करी करता है। उन लोगों ने उसकी शिकायत कर दी थी तो वह उनके परिवार से बैर मानता था। बताया कि वह पिछले दिनों उनकी बेटी को फुसलाकर ले गया और उसे झारखंड में छोड़ आया।
इस दौरान उनकी बेटी के नाम से फर्जी सिम लेकर बेटी के नाम से महिला आयोग व मानवाधिकार आयोग में उनके विरुद्ध शिकायत कर दी थी। वह किसी तरह अपनी बेटी को ले आए, इस बीच उनके खिलाफ शिकायतों की जांच सीओ आंवला ने शुरू की। उनकी बेटी ने सीओ को बताया कि उसने कोई शिकायत नहीं की थी। तब 25 नवंबर को सूरज वर्मा, हेम सिंह समेत तीन-चार अज्ञात लोगों पर उन्होंने अलीगंज थाने में रिपोर्ट लिखाई थी।
ग्रामीण ने बताया कि उनके मामले में दरोगा राजकुमार सिंह विवेचना कर रहे थे। दरोगा ने उन्हें धमकाया कि लखनऊ जाकर आयोग में शिकायतें खत्म नहीं कराईं तो ग्रामीण पर ही कार्रवाई हो जाएगी। दरोगा ने इसके बदले में 30 हजार रुपये रिश्वत मांगी। एक ढाबे पर उनसे मिलकर दबाव डाला। उन्होंने फिलहाल रुपये न होने से इन्कार किया तो दरोगा ने बैंक खाता नंबर भी दे दिया। कहा कि इसी खाते में रुपये डाल देना।
जनसुनवाई में ग्रामीण की शिकायत के दौरान एसएसपी सभी थानेदारों से ऑनलाइन जुड़े थे। उन्होंने अलीगंज एसओ अजय शुक्ला से दरोगा के बारे में पूछा। संयोग से दरोगा राजकुमार सिंह थाने पर ही थे। एसएसपी ने जब दरोगा को शिकायतकर्ता का चेहरा दिखाया तो वह सामान्य परिचय होने की बात कहने लगे।
एसएसपी ने पूछा कि आपने इनसे खाते में रिश्वत मांगी है तो दरोगा के चेहरे पर पसीना आ गया। उसने इन्कार किया तो पूछा गया कि उनका बैंक खाता नंबर ग्रामीण को कैसे मिला। तब दरोगा ने कहा कि वह इनके सामने अपने घर पर बात कर रहे थे तो सुन लिया होगा। हालांकि सवालों में घिरते दरोगा बाद में निरुत्तर हो गए। तब एसएसपी ने उन्हें निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया।
एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने बताया कि ग्रामीण की शिकायत पर जब दरोगा से जानकारी ली गई तो वह स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। इससे लगा कि कहीं न कहीं वह दोषी हैं तो उन्हें निलंबित कर जांच बैठा दी गई है। भ्रष्टाचार के मामलों में शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है, आगे भी कोई ऐसा मामला पता लगा तो कार्रवाई निश्चित ही होगी।

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