पिज्जा हाउस में देह व्यापार, भाजपा नेता को भेजा जेल

Youth India Times
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दरोगा और बेटा पहले ही हो चुके हैं गिरफ्तार
आपत्तिजनक हालत में मिले थे नौ छात्राएं व 11 युवक
फर्रूखाबाद। उत्तरप्रदेश के फर्रूखाबाद जिले में शिकागो पिज्जा हाउस में देह व्यापार कराने के मामले में पुलिस ने अब भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष को जेल भेजा है। मामले में पिज्जा हाउस के संचालक सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर व पुत्र पहले से ही जेल में बंद हैं। सीओ सिटी प्रदीप कुमार सिंह ने मोहल्ला नवदिया निवासी शिकागो पिज्जा हाउस के संचालक सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर प्रमोद अग्निहोत्री, बेटे प्रदीप अग्निहोत्री, गांव सरह निवासी सलेमपुर भाजपा मंडल उपाध्यक्ष संजीव अग्निहोत्री, पुत्र आयुष अग्निहोत्री के खिलाफ 30 सितंबर को मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया कि पिज्जा हाउस की आड़ में यह लोग देह व्यापार करवा रहे थे। पुलिस ने मौके से युवक व युवतियों को रंगे हाथों पकड़ा था। मामले में सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर प्रमोद अग्निहोत्री व पुत्र प्रदीप अग्निहोत्री को जेल भेज दिया गया था। शनिवार को पुलिस ने भाजपा नेता संजीव अग्निहोत्री को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
सीओ रवींद्र नाथ राय ने बताया पिज्जा हाउस में देह व्यापार कराने के मामले में भाजपा नेता पर कार्रवाई की गई है। बता दें कि डीएम-एसपी आवास व पुलिस लाइन की नाक के नीचे पिज्जा हाउस में कई वर्षों से शुरू देह व्यापार का खुलासा हुआ था। मामले में पुलिस ने संचालक सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर व पुत्र को पकड़ा गया था। डीएम संजय कुमार सिंह के आदेश पर सिटी मजिस्ट्रेट सतीश चंद्र व सीओ सिटी प्रदीप सिंह ने पिज्जा हाउस में महिला पुलिस के साथ दबिश दी थी। मौके पर डिग्री कॉलेज की नौ छात्राएं व 11 युवक आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए थे। छात्राओं व युवकों को पुलिस ने पूछताछ के बाद परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया था। प्रदीप ने मकान में शिकागो पिज्जा हाउस खोल लिया। ऊपरी तल पर कई छोटे कमरे बनवा लिए। इसके बाद देह व्यापार शुरू कर दिया था। मामले में एक युवक ने डीएम को पिज्जा हाउस के कुछ फुटेज दिखाए थे। डीएम के आदेश पर सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ सिटी, फतेहगढ़ कोतवाल सचिन कुमार सिंह, महिला एसओ ललिता मेहता ने फोर्स के साथ दबिश मारी। अधिकारी जब ऊपरी तल पर पहुंचे, तो कमरों में युवक व युवतियां संदिग्ध हालत में मिले। पिज्जा हाउस संचालक कई वर्षाे से इस धंधे को धड़ल्ले से करवा रहा था। पिज्जा हाउस में केबिन में बैठने के लिए तीन सौ रुपये का पिज्जा लेना जरूरी था। एक घंटे तक ही केबिन में युवक-युवती के साथ बैठ सकते थे। अगर युवक व युवती एकांत में कमरे में जाना चाहते, तो उनसे एक हजार रुपये लिए जाते थे। आसपास के लोगों की माने तो प्रतिदिन सौ युवक व युवतियों का वहां आना जाना रहता था।

पिज्जा हाउस संचालक ने ऊपर बने कमरों में खिड़की लगा रखी थी। युवक व युवतियां कमरे में आने के बाद खिड़कियों से अनाधिकृत चीजें नीचे फेंकते थे। आस पास के लोग जब गली से गुजरते तो वहां अनाधिकृत चीजें पड़ी देखकर दंग रह जाते थे। मोहल्ले के लोगों ने इस बात को लेकर विरोध जताया तो संचालक ने कमरों की खिड़की बंद करवा दी थी। पिज्जा हाउस के दोनों तरफ गेस्ट हाउस बने हुए हैं। पिज्जा हाउस संचालक ने कुछ दूरी पर एक मकान भी बना रखा है। कई विभाग के अधिकारी वहां रहते हैं। पिज्जा हाउस संचालक ने कई बार गेस्ट हाउस मालिकों से कहा कि उसका धंधा चार वर्ष तक चल जाए। ऐसे गेस्ट हाउस वह खरीद लेगा। संचालक प्रदीप ने लाखों रुपये की संपत्ति कम समय में ही जुटा ली थी। वह ऑपरेटर की नौकरी भी छोड़ चुका था। खुलेआम देह व्यापार करने वाले पिज्जा हाउस संचालक ने कोतवाली, सिविल लाइन चौकी व एसओजी के कई सिपाहियों से साठगांठ कर रखी थी। इसके चलते संचालक को पल-पल की खबर मिलती रहती थी। सूत्रों की माने तो हर माह संचालक उनको मोटी रकम भी देता था। इसके कारण पुलिस उस पर हाथ डालने से कतराती थी।

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