आजमगढ़: छोटे भाई की मौत के सदमे से बड़े भाई की भी गई जान

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एक साथ उठी दोनों भाईयों  की अर्थियां, शोक में डूबा पूरा गांव
आजमगढ़। इलाज के दौरान छोटे भाई की मौत हो जाने की खबर जब परिवार में पहंुची तो परिवार सहित पूरा गांव शोक में डूब गया। भाई का शव घर पहुंचने पर बड़ा भाई शव से लिपटकर रोने लगा और फिर वह अचेत हो गया। आनन-फानन लोग उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गये जहां डाक्टरों ने बड़े भाई को भी मृत घोषित कर दिया। एक साथ हुई दो मौतों से जहां पूरे परिवार को गहरा आघात लगा वहीं मौके पर उपस्थित लोगों की आंखों में आंसू ही आंसू थे। कोई सान्त्वना भी दे तो कैसे यह भी काफी कठिन हो गया। घटना से स्तब्ध तीसरे मझले भाई की असहाय नजरें सबकी ओर देख रही थीं। एक साथ दोनों भाईयों की अर्थियां उठीं, राजघाट पर उनका अन्तिम संस्कार किया गया।
हरेन्द्र उम्र 30 वर्ष पुत्र पोल्हावन राम निवासी कोल्हूखोर थाना जहानागंज का बुखार से पीड़ित होने के कारण पीजीआई चक्रपानपुर में इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान बुधवार की भोर करीब 4 बजे उसकी मौत हो गयी। परिजन उसका शव लेकर सुबह घर पहुंचे। शव के घर पहुंचते ही पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मृतक के बड़े भाई गोवर्धन उम्र 40 वर्ष अपने भाई के शव को देखकर उससे लिपट कर रोने लगे और रोते-रोते बेहोश हो गये। लोग उन्हें आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोल्हूखोर लेकर गये, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एक साथ परिवार में हुई दो मौतों से पूरा गांव शोक में डूब गया। परिवार के करूण विलाप से मौके पर उपस्थित हर लोगों की आंखों में आंसू आ गये। मृतक हरेन्द्र तीन भाई थे जिसमें वह सबसे छोटा था, मझला भाई योगेन्द्र राम 35 वर्ष इस घटना से स्तब्ध असहाय होकर सबकी ओर निहार रहा था।
बताते चलें कि हरेन्द्र बिजली का काम कर परिवार का पालन पोषण करता था। गोवर्धन मोची का काम करता था। योगेन्द्र एक प्राइवेट में स्कूल गाड़ी चलाता है। हरेन्द्र के दो पुत्र और गोवर्धन की एक लड़की है। एक साथ दोनों भाईयों की अर्थियां उठीं, राजघाट पर उनका अन्तिम संस्कार किया गया।

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