पूर्व ब्लॉक प्रमुख का पुत्र व भाजपा का पूर्व प्रांत उपाध्यक्ष गिरफ्तार

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पंद्रह करोड़ के भूमि फर्जीवाड़े का है मामला
अलीगढ़। अलीगढ़ में चंडौस की पूर्व ब्लॉक प्रमुख का पुत्र व भाजपा का पूर्व क्षेत्रीय उपाध्यक्ष निर्भय सिंह पंद्रह करोड़ रुपये से अधिक के भूमि फर्जीवाड़े में गिरफ्तार किया गया है। उस पर जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कराकर लोगों से धन ऐंठने के आरोप लगे थे। लगातार शिकायतों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच की थी। आरोप सही पाए जाने पर बन्नादेवी पुलिस ने सोमवार को नुमाइश मैदान के पास से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि निर्भय सिंह को तीन वर्ष पहले इसी तरह के फर्जीवाड़े के आरोपों में घिरने पर पार्टी से बाहर कर दिया गया था। चंडौस के गांव नवाबपुर निवासी निर्भय सिंह चंडौस क्षेत्र में ही एमकेआर नाम से निजी कॉलेज का संचालक है। वर्तमान में इस कॉलेज को महर्षि दयानंद नाम से कुछ कोर्सों की मान्यता मिली हुई है। सीओ द्वितीय पुनीत द्विवेदी के अनुसार, करीब एक माह पहले एक दर्जन से अधिक शिकायतें निर्भय सिंह के खिलाफ पुलिस के पास पहुंची थीं, जिसमें आरोप थे कि जिन लोगों ने क्वार्सी-महुआखेड़ा क्षेत्र की कुलदीप विहार व आसपास की कॉलोनियों में प्लॉट लिए और उनकी पॉवर ऑफ अटॉर्नी कराई हैं, उन्हें निर्भय सिंह नाम का व्यक्ति अपना बता रहा है। उस पूरी भूमि की खुद के नाम रजिस्ट्री भी दिखा रहा है। कब्जा लेने के नाम पर उन लोगों से धन मांग रहा है।
इसके बाद पुलिस ने रजिस्ट्री की जांच कराई तो फर्जी पाई गई। उसी आधार पर धारा 420, 467, 468, 471, 447, 506 में मुकदमा पंजीकृत कर जांच एसएसआई घनश्याम सिंह को सौंपी गई। जांच में आरोप सही पाए जाने पर उसकी तलाश शुरू हुई। सोमवार को खबर मिली कि निर्भय सिंह नुमाइश मैदान के पास घूम रहा है। सूचना पर पुलिस ने उसे दबोच लिया और मजिस्ट्रेट के समक्ष पेशी के बाद जेल भेजा गया। पुलिस के अनुसार निर्भय सिंह ने स्वीकार किया है कि उसका मकसद फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर लोगों पर दबाव बनाकर धन ऐंठना था। उसे उम्मीद न थी कि वह पकड़ा जाएगा।
चंडौस की पूर्व ब्लॉक प्रमुख पुत्र निर्भय सिंह करीब तीन वर्ष पहले तक भाजपा में जुड़ा था। उस समय ब्रज क्षेत्र अध्यक्ष बने रजनीकांत माहेश्वरी ने उसे संगठन में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी थी। उसी समय 2019 में उसके कॉलेज व हॉस्पिटल में आयुष्मान घोटाला उजागर हुआ, इस घोटाले के उजागर होने और शासन स्तर से कार्रवाई तय होने पर पार्टी ने पद व पार्टी से निष्कासन किया था। मगर पार्टी नेताओं के इर्द-गिर्द उसकी आवाजाही जरूर थी। निर्भय पर गभाना व चंडौस में भी फर्जीवाड़े के मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा अन्य तमाम आरोप भी समय समय पर लगते रहे हैं।

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