जनपद में लचर हालत में अपनी दुर्दशा बता रही हैं स्वास्थ्य सेवाएं

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रिपोर्ट-खैरूल्ला
महाराजगंज। जनपद महाराजगंज भारत का अंतिम सीमा क्षेत्र जहां से नेपाल देश शुरू होता है ।बीमारियों से ग्रसित कभी यह जिला आयोडीन की कमी से अधिकतम मात्रा में घेघा जैसा रोग पाया जाने वाला जिला माना जाता था। यहां पर स्वास्थ्य सेवाएं लचर हालत में अपनी दुर्दशा बता रही हैं। लगभग 190 स्वास्थ्य आरोग्य केंद्र संचालित हैं। जहां से टीकाकरण एचआईवी , मलेरिया, सैफलिस, शुगर ,बीपी का टेस्ट और ओपीडी भी होता रहता है। जहां प्रशिक्षित समुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी की पोस्टिंग हुई है, मगर उनका मानदेय पिछले अप्रैल माह से नहीं मिल पाया है । सबसे दिलचस्प बात यह है कि हीमोग्लोबिन नापने वाला मीटर खराब क्वालिटी का सप्लाई किया गया है। सी,एच,ओ, की नियुक्ति तो हो गई मगर चेयर टेबल अभी नहीं मिला है। कहीं-कहीं पंचायत भवन पर ग्राम पंचायत अधिकारी के रहमो करम पर सेंटर चल रहा है। कहीं आधा बनकर छूटा हुआ है ।कहीं बना ही नहीं है ।जीरो से लेकर 70 साल के लोगों की साथ ही, गर्भवती माताओं की देखरेख करने वाला यह जन हितकारी योजना अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है ।स्वास्थ्य विभाग द्वारा मातृत्व योजना के लिए संचालित यह योजना इस जिले में फिसड्डी साबित हो रहा है।

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