बिजली कर्मचारियों के समर्थन में उतरे राज्य कर्मचारी

Youth India Times
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कर्मचारी संगठनों ने सरकार को 2 अप्रैल तक का समय दिया
कहा पूरे प्रदेश में कर्मचारी चक्का जाम करने को होंगे मजबूर
लखनऊ। बिजली कर्मचारियों के समर्थन राज्य, निकाय और निगम कर्मचारी भी सामने आ गए है। मंगलवार को पूरे प्रदेश में कर्मचारी जिला स्तर पर इसको लेकर प्रदर्शन किया। दावा किया जा रहा है कि बिजली कर्मचारियों के समर्थन में प्रदेश के 18 लाख राज्य, निकाय, निगम के संविदा और नियमित कर्मचारी खड़े हो गए है। लखनऊ में बीएन सिंह की प्रतिमा पर धरना देते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अब यह पूरे प्रदेश के कर्मचारी नेताओं में अस्तित्व बचाने की लड़ाई है। यह अब कर्मचारी आंदोलन को बचाने की लड़ाई है और इसको अगर नहीं रोका गया तो पूरे प्रदेश में कर्मचारी चक्का जाम करने को मजबूर हो होंगे। यहां तक कहा गया कि बिजली कर्मचारियों के खिलाफ हुए कार्रवाई को जल्द नहीं हटाया गया तो प्रदेश के राज्य, निकाय और निगम कर्मचारी बिजली कर्मचारियों के समर्थन में कार्य बहिष्कार कर सकते हैं। इसको लेकर कर्मचारियों का एक संयुक्त मंच तैयार कर लिया है। मंच के संयोजक अमरनाथ यादव ने बताया कि बिजली कर्मियों के उत्पीड़न के विरोध में प्रदेश के सभी कर्मचारी महासंघ और कर्मचारी संयुक्त परिषद एक साथ आ गए हैं। अब पूरे प्रदेश में 28 मार्च को जिला स्तर पर दो घंटे का धरना होगा। उसके बाद भी हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो कर्मचारी बड़ा आंदोलन करने को विवश होगा। हरि किशोर तिवारी, सतीश पाण्डेय, शशि कुमार मिश्र, एसके रावत, एसपी तिवारी, राम राज दुबे, मनोज मिश्र, रमेन्द्र श्रीवास्तव, कमल अग्रवाल, गिरीश चन्द्र मिश्र, हरि शरण मिश्र, रिंकू राय, संयोजक अमरनाथ यादव एवं सह संयोजक कमलेश मिश्र, रेनू शुक्ल, राममूर्ति यादव और संरक्षक वीपी मिश्र जैसे अलग-अलग संवर्ग के कर्मचारी नेता प्रेस वार्ता के दौरान मौजूद रहे। धरने में उमाशंकर मिश्र, चन्द्रशेखर, प्रेम नाथ राय, दिलीप श्रीवास्तव, शिवबरन यादव, राम भजन मौर्य, बीएल कुशवाहा, आशीष यादव, रामसेवक शुक्ला, वाईएन उपाध्याय, जीएन सिंह, उदय नाथ सिंह, सुरेश सिंह यादव, राम कुमार धानुक, रीना त्रिपाठी, अमित खरे, कर्मेन्द कुमार, धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, हेमन्त खड़का, बंशीधर मिश्र, आफिक सिद्दीकी, सुनील यादव, आरपी निगम, एसपी सिंह, नीरजपति त्रिपाठी समेत कई नेता शामिल रहेंगे।

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