आजमगढ़: मुख्य राजस्व अधिकारी के भ्रष्टाचार और कदाचार के विरुद्ध अधिवक्ताओं ने खोला मोर्चा

Youth India Times
By -
0

22 नवंबर तक न्यायिक कार्यों से विरत रहते हुए 2 घंटे तक अपने मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन का लिया निर्णय
आजमगढ़। जिले में एक ऐसा अधिकारी है जो आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है, जिसके न्यायिक कदाचार से जिले की जनता काफी त्रस्त हो चुकी है, जो अपने मातहतों से दबाव डालकर मनमाफिक रिपोर्ट तैयार करवाता है, जो अपने न्यायालय में बैठकर ऐसी भाषा का प्रयोग करता है जो न्यायिक अधिकारी के लिए कतई उचित नहीं है, जो अपने आवास पर अदालत लगाता है और गजब तो यह है कि मुकदमों की नियत तिथि से पूर्व ही घर पर फाइल मंगवाकर आदेश पारित कर देता है और उस पर किसी भी वरिष्ठ अधिकारी का कोई नियंत्रण नहीं है।
यह बात हम नहीं कह रहे हैं यह जनपद के दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन की साधारण सभा ने प्रस्ताव पारित कर कहा है। बार के संयोजक सुरेंद्र सिंह एडवोकेट एवं मंत्री अजय कुमार सिंह एडवोकेट के संयुक्त बयान में कहा गया है कि जिले के मुख्य राजस्व अधिकारी एवं उपसंचालक चकबंदी जगदंबा प्रसाद सिंह का न्यायिक कदाचार और भ्रष्टाचार सब सीमा तोड़ गया है। यह जनपद के सटे हुए जिला अंबेडकर नगर के निवासी हैं इनकी कई रिश्तेदारियां इस जिले में हैं और उनका न्यायिक कार्य में हस्तक्षेप जनसामान्य में चर्चा का विषय बन गया है। उनके द्वारा विधि विरुद्ध न्यायिक कार्य संपन्न किए जा रहे हैं, और इतना ही नहीं वह डायस पर बैठकर अमर्यादित एवं स्वेच्छाचारी व्यवहार करते हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी और मंडलायुक्त से कई बार वार्ता कर जानकारी दी गई, लेकिन कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला।
बार के अनुसार जगदम्बा प्रसाद सिंह के भ्रष्टाचार और कदाचार की बहुत लंबी लिस्ट है। ऐसे में जनपद के सभी बार एसोसिएशन एवं तहसील बार एसोसिएशन के संयुक्त अधिवेशन में विचारोपरांत सर्वसम्मत निर्णय लिया गया कि मुख्य राजस्व अधिकारी के न्यायिक कदाचार और भ्रष्टाचार की जांच के साथ जब तक उनके न्यायिक अधिकार समाप्त नहीं किए जाते हैं और उनका अन्यत्र स्थानांतरण नहीं किया जाता है तो जनपद पर सभी अधिवक्ता 22 नवंबर तक समस्त न्यायिक कार्यों में प्रतिभाग नहीं करेंगे। वहीं 16 नवंबर से प्रतिदिन 11 बजे से 2 घंटा सभी अधिवक्ता अपने मुख्यालय पर धरना, प्रदर्शन एवं विरोध प्रकट करेंगे और तब भी सुनवाई नहीं होती है तो 21 नवंबर को पुनः संघर्ष समिति की बैठक कर अगली रणनीति पर विचार विमर्श किया जाएगा। अब गेंद शासन-प्रशासन के पाले में है और देखना है वह इस पर क्या करते हैं या रुख अपनाते हैं।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)