भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष समेत दो को उम्रकैद

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10 साल पहले हुई थी दिन दहाड़े हत्या
कौशांबी। पश्चिमशरीरा कोतवाली के पूरबशरीरा में 10 साल पहले दिनदहाड़े हुए बुध नारायण दुबे हत्याकांड में दोषी करार दिए गए भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष उदयन सिंह सहित दो लोगों को न्यायालय ने बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। अपर जिला जज प्रथम की अदालत ने फैसला सुनाते हुए दोनों पर अर्थदंड भी लगाया। मंगलवार को ही कोर्ट ने उसे कस्टडी में लेने का आदेश देते हुए जेल भेज दिया था।
बता दें कि वर्ष 2012 को पूरब शरीरा गांव का बुध नारायण दुबे सुबह खेत की तरफ शौच गया था। इस दौरान बुध नारायण की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बुध नारायण के बेटे दशरथ ने पुलिस को तहरीर दी कि उदयन सिंह अपनी रायफल लेकर खड़े थे। उनके ललकारने पर उदयन के पट्टीदार रंजीत ने उसके पिता को गोली मार दी। इस मामले में वर्ष 2016-17 में उदयन सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा। हालांकि महज दो महीने बाद ही वह जमानत पर छूट गया।
पुलिस ने विवेचना में खेल करते हुए उदयन सिंह का नाम निकालते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी। इस पर वादी मुकदमा ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दोबारा विवेचना कर चार्जशीट दाखिल की। यह मामला अपर जिला जज प्रथम शिवानंद सिंह की अदालत में विचाराधीन था। मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उदयन सिंह को दोषी करार देते हुए कस्टडी में लेकर जेल भेज दिया था। चार अप्रैल 1997 में जब प्रयागराज से अलग कर कौशाम्बी को जिला बनाया गया तो पश्चिमशरीरा निवासी उदयन सिंह को भाजपा ने अपना जिलाध्यक्ष बनाया था। इसके बाद उदयन सिंह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क पर आ गए।
मृतक बुध नारायण दुबे लोगों की मौत के बाद क्रिया कर्म का काम कराते थे। वर्ष 2012 में भाजपा नेता उदयन सिंह के घर के समीप एक दर्जी बिरादरी के व्यक्ति की मौत हो गई थी। बुध नारायण वहां क्रिया कर्म कराने गए थे, जिसमें उन्हें अच्छी खासी दक्षिणा मिली थी। जब बुध नारायण दक्षिणा में मिले समान को लेकर वापस लौट रहे थे तो उदयन सिंह के परिवार के एक युवक रंजीत ने उन्हें चिढ़ा दिया था। इसी को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ था।
बुध नारायण की हत्या के बाद भाजपा नेता उदयन उसके घर पहुंचा। वहां उसने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया। इसके बाद बदले घटनाक्रम में उदयन सिंह के नामजद हत्या का केस दर्ज कराया गया।
वादी मुकदमा के तहरीर में मजमून था कि उदयन सिंह घटना स्थल पर रायफल लेकर खड़ा था। उसके ललकारने पर रंजीत ने गोली मारी। इसके बाद भी पुलिस ने रंजीत को तो दोषी माना लेकिन उदयन सिंह को क्लीन चिट दे दी। इसी बात लेकर मृतक का बेटा दशरथ हाईकोर्ट पहुंचा। उसने बताया कि घटना उदयन सिंह के ललकारने पर हुई। इसके बाद भी पुलिस ने उदयन का नाम चार्जशीट से हटा दिया। इसी पर कोर्ट ने दोबारा विवेचना का आदेश पारित किया था।

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