बड़े नेता का निजी सचिव बताकर रिटायर फौजी से 79 लाख ऐंठे

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लखनऊ। लखनऊ में बड़े नेता का निजी सलाहकार होने का दावा करने वाले व्यक्ति ने रिटायर सैन्यकर्मी से 79 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। आरोपी ने खनन फर्म में साझेदार बनाने का भरोसा दिया था। पीड़ित की तहरीर पर गोमतीनगर कोतवाली में तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
पीजीआई हैवतमऊ मवैया निवासी रिटायर सैन्यकर्मी मनोज कुमार शर्मा की पहचान बिजनौर निवासी इंद्र बहादुर सिंह से थी। कुछ वक्त पूर्व मुलाकात होने पर इंद्र बहादुर ने बताया कि वह प्रदेश के बड़े नेता निजी सचिव बन गया है। इसलिए सरकार में अच्छी पकड़ है। आपको कोई काम हो तो बताइगा। पीड़ित के अनुसार इंद्र बहादुर से मिलने के लिए लोग बड़ी गाड़ियों से आते थे। जिसके चलते वह प्रभाव में आ गया। नवंबर 2018 में आरोपी ने मनोज की मुलाकात तेज बहादुर राय से कराई। जो रामेश्वर माइनस चलाने का दावा करता था। उसने बताया कि खलीलाबाद में करीब आठ बीघा जमीन है। आवास विकास से कामर्शियल प्रोजेक्ट एलॉट कराने का प्रयास वह लोग कर रहे हैं। इसके लिए रुपयों की जरुरत है। आरोपियों ने मनोज से कहा कि अगर वह 79 लाख रुपये दे दें। तो उन्हें भी खनन फर्म पार्टनर बना लिया जाएगा। जिसमें अच्छा मुनाफा मिलेगा।
मनोज के मुताबिक 79 लाख रुपये लेने के बाद आरोपी टाल मटोल करते रहे। उन्हें फर्म पार्टनर भी नहीं बनाया गया। छानबीन करने पर पता चला कि पूर्व में भी इंद्र बहादुर सिंह और तेज बहादुरराय धोखाधड़ी की घटना कर चुके हैं। पीड़ित ने आरोपियों से रुपये लौटाने के लिए कहा था। जिस पर उन्हें 20-20 लाख के दो चेक दिए थे। जो बाउंस हो गए। दबाव बनाने पर इंद्र बहादुर और तेज बहादुर ने शैल कुमार को बुला लिया। जिसे यह लोग जज बता रहे थे। शैल कुमार ने धमकी देते हुए कहा कि अगर रुपये मांगे या कहीं शिकायत की तो तुम्हारे खिलाफ ही मुकदमा लिखवा दूंगा। जानकारी के अनुसार तेज बहादुर राय को दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने वर्ष 2017 में लखनऊ से गिरफ्तार किया था। आरोपी ने पार्टनर अश्विनी दीवान को धोखा देते हुए उससे 86 करोड़ रुपये ऐंठे थे।

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