सपा विधायक दारा सिंह चौहान के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी

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डीजीपी को पत्र भेजकर वारंट का तामिला कराने व 16 सितंबर को कोर्ट मे पेश करने का निर्देश
मऊ। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपी एमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी ने आचार संहिता के उल्लंघन के 5 वर्ष पुराने मामले में कोर्ट में हाजिर न होने पर पूर्व मंत्री व सपा विधायक दारा सिंह चौहान व अन्य के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया है। साथ ही आदेश का तामिला के लिए डीजीपी को पत्र भेजाकर 16 सितंबर को कोर्ट मे पेश करने का निर्देश दिया है। मामला मधुबन थाना क्षेत्र का है। अभियोजन के अनुसार तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र बहादुर सिंह की तहरीर पर 10 फरवरी 2017 को तत्कालीन बीजेपी प्रत्याशी पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान व उनके 27-28 समर्थकों के विरुद्ध बिना अनुमति के जुलूस निकालने मे आचार संहिता का उल्लंघन के तहत एफआईआर दर्ज हुआ। पुलिस ने मामले की विवेचना कर 12 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया। मामला एसीजेएम एमपी/ एमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी के न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है। मामले में दारा सिंह चौहान की अर्जी पर उच्च न्यायालय ने कार्यवाही स्थगित करने का आदेश दिया था। एसीजेएम एमपी/ एमएलए कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि उच्च न्यायालय ने कार्रवाई को स्थगित किया गया था। उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश दिनांक 17 दिसंबर 21 व 22 दिसंबर 21 मे आदेश पारित किया गया था कि यदि आदेश के संबंध में कोई स्पीकिंग आदेश पारित नहीं किया जाता है, तो आदेश के दिनांक से 6 माह पश्चात स्थगन आदेश स्वतः समाप्त हो जाएगा। आदेश हुए 6 माह से अधिक समय व्यतीत हो चुका है ।अभियुक्त पत्रावली में कोई अद्ययन आदेश प्रस्तुत नहीं किया है, ऐसी स्थिति में उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश स्वतः समाप्त हो चुका है। एसीजेएम ने मामले में आरोपीगण दारा सिंह चौहान, अशोक राजभर सहित सभी 12 आरोपियों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया था। दारा सिंह चौहान और अशोक राजभर के अलावा अन्य आरोपी कोर्ट में हाजिर होकर अपना वारंट निरस्त करा लिया। एसीजेएम ने बृहस्पतिवार को दारा सिंह चौहान और अशोक राजभर के कोर्ट में उपस्थित न होने पर इसे गंभीरता से लेते हुए गैर जमानती वारंट का तामिला कराने और 16 सितंबर को कोर्ट में पेश कराने के लिए पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजा है। भेजे गए पत्र में अवगत कराया गया है कि अभियुक्तगण दारा सिंह चौहान और अशोक राजभर के विरुद्ध न्यायालय द्वारा बार-बार प्रासेस जारी किया जा रहा है, किंतु उक्त लोग न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं हो रहे हैं। जिसके चलते पत्रावली में अग्रिम कार्रवाई सुनिश्चित नहीं हो पा रही है।

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