आजमगढ़: ब्लड बैंक के पैथलाजिस्ट को मिली क्लीनचिट

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छेड़खानी के साथ दुर्व्यवहार का लगाया था आरोप
एसीएमओ की जांच में सभी आरोप साबित हुए निराधार
आजमगढ़। ब्लड बैंक में शासन से बतौर पैथलॉजिस्ट तैनात किए गए डॉ. राहुल सिंह को एसीएमओ की जांच में क्लीनचिट मिल गई है। उन पर लगे छेड़खानी, दुर्व्यवहार समेत अन्य सभी आरोप निराधार साबित हुए है। इतना ही नहीं जिलाधिकारी से हुई शिकायत में जो डिग्री पर सवाल उठाए गए थे वह भी गलत साबित हुए है। जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक के रिक्त पैथलॉजिस्ट के पद पर शासन ने मई माह में डॉ. राहुल सिंह की तैनाती किया था। पहले तो इन्हें पदभार ग्रहण नहीं कराया जा रहा था। मीडिया व उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आने पर इन्हें पदभार तो ग्रहण करा दिया गया लेकिन चार्ज नहीं दिया गया। वहीं इनके खिलाफ तमाम आरोप लगाते हुए शिकायते की जाने लगी। ऐसी ही एक शिकायत राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष पीएन सिंह ने जिलाधिकारी से की थी। जिसकी जांच डीएम ने सीएमओ को सौंपी थी। सीएमओ ने शिकायत की बिंदुवार जांच एसीएमओ डॉ. एके सिंह को दिया। एसीएमओ ने जांच पूरी करते हुए डॉ. राहुल को क्लीनचिट दे दिया है।
एसीएमओ डॉ. एके सिंह ने अपनी जांच आख्या में बताया कि शासनादेश के अनुसार ब्लड बैंक में पैथलॉजिस्ट का पद रिक्त था, जिस पर राहुल सिंह की तैनाती हुई है। पैथलॉजिस्ट का जो पद है वह लेवल वन के लिए है, जिस पर लेवल-फोर के डॉ. अनुप श्रीवास्तव को तैनात किया गया है। डॉ. राहुल को ब्लड बैंक में शासनादेश के अनुरूप पदभार एसआईसी द्वारा ग्रहण कराया गया। जबरन दबाव बना कर पदभार ग्रहण कराने के आरोप की भी पुष्टि नहीं हुई। इतना ही नहीं शिकायत में डॉ. राहुल के डिग्री पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया गया था। जांच में डॉ. राहुल की डिग्री सही मिली और उसका यूपी मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन भी पाया गया। महिला कर्मी द्वारा छेड़खानी का जो आरोप लगाया गया है, उसकी जांच के लिए महिला कर्मी को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया, लेकिन वह कर्मी बयान दर्ज कराने नहीं आयी और फोन पर यह कहा कि समझौता हो गया है। जिससे सिद्ध होता है कि यह आरोप भी गलत है। पूरी जांच आख्या बिंदुवार डीएम को को प्रेषित कर दी गई है। एसीएमओ व जांच अधिकारी डॉ. एके सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष की डॉ. राहुल सिंह के खिलाफ हुई शिकायत पर बिंदूवार जांच की गई। जांच में डॉ. राहुल पर लगाए गए सभी आरोप निराधार पाए गए है। मैने अपनी जांच आख्या सीएमओ को प्रेषित कर दिया है। सीएमओ द्वारा उसे जिलाधिकारी भेज दिया गया है।

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