स्वामी प्रसाद मौर्य के कार्यालय पर पहुंची एसटीएफ

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तीन घंटे की पूछताछ, जानें पूरा मामला
लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य से अपने कार्यालय में तीन घंटे तक पूछताछ की। स्वामी प्रसाद से उनके पूर्व निजी सचिव अरमान खान द्वारा बेरोजगारों को नौकरी के नाम पर ठगने के मामले में एसटीएफ ने नोटिस देकर बुलाया था। अरमान समेत पांच लोगों को एसटीएफ ने 21 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। स्वामी प्रसाद मौर्य एसटीएफ के कई सवालों का जवाब देने से बचते रहे। अधिकतर सवालों के जवाब में वह कोई जानकारी न होने की बात कहते रहे। अरमान पर आरोप है कि उसने स्वामी प्रसाद मौर्य के मंत्री रहने के दौरान उनके निजी सचिव के केबिन में बैठकर कई दिन तक बेरोजगारों को बुलाया था। इन्हें सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 10 से 12 लाख रुपये वसूले गये। कई लोगों को नियुक्ति पत्र थमा कर उनकी ट्रेनिंग भी करा दी गई। पर, बाद में सच सामने आ गया था। विरोध पर अरमान ने बेरोजगारों को धमकाना शुरू कर दिया था। इसके बाद ही एसटीएफ को जांच दी गई थी। एसटीएफ ने अरमान व उसके चार साथियों फैजी, विशाल, असगर और अमित को गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया था। इसी मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य को एसटीएफ ने पूछताछ करने के लिये नोटिस भेजा था। एसटीएफ के अफसरों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो स्वामी प्रसाद को दोबारा भी बुलाया जा सकता है। स्वामी प्रसाद मौर्य इस बार के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़ कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये थे। इससे पहले स्वामी बसपा में लम्बे समय तक रहे थे। इस बार स्वामी प्रसाद ने कुशीनगर के फाजिलनगर से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गये थे। सपा के टिकट पर वह निर्विरोध एमएलसी चुने गये हैं।

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