अग्निपथ आंदोलन में पुलिसिया कार्रवाई पर उठे सवाल

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BHU में छात्र अलीगढ़ में नामजद मुकदमा दर्ज
वाराणसी। अग्निपथ आंदोलन के बाद यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं। अलीगढ़ पुलिस ने अग्निपथ योजना के विरोध में 17 जून को हुए हिंसक प्रदर्शन में बीएचयू के एक छात्र नवीन कुमार को नामजद कर दिया है। जबकि नवीन 30 अप्रैल को अलीगढ़ से आने के बाद लगातार बीएचयू के ब्रोचा हॉस्टल में ही रह रहा है। हॉस्टल के वार्डेन, उसके सहपाठी के अलावा मेस का डाइट चार्ज भी विपिन की विश्वविद्यालय में मौजूदगी की गवाही दे रहे हैं।
बीएससी ऑनर्स के छात्र विपिन ने बीते 17 जून को भी रोज की तरह हॉस्टल के मेस में ही खाना खाया था। अलीगढ़ के टप्पल थाने की पुलिस18 जून को विपिन के घर एफआईआर की कॉपी लेकर पहुंच गई। एफआईआर में अपने दोनों बेटों का नाम देख कर पिता लोकेन्द्र सिंह हैरान हो गए। एफआईआर में विपिन के भाई धीरज का भी नाम था।
लोकेंद्र सिंह समझ नहीं पा रहे थे कि विपिन बनारस से आकर यहां प्रदर्शन कैसे कर सकता है। धीरज भी उपद्रव के दिन घर पर ही था। भाई धीरज से जानकारी मिलने के बाद विपिन ने टप्पल थाना प्रभारी को फोन पर वास्तविकता से अवगत कराना चाहा लेकिन थानेदार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने जल्द से जल्द थाने में आकर सरेंडर करने की चेतावनी देते हुए फोन काट दिया।
बीएचयू के ब्रोचा हॉस्टल के वार्डेन डॉ. रामसागर ने बातचीत में कहा कि विपिन का दावा सौ प्रतिशत सही है। वह नियमित निरीक्षण के दौरान हॉस्टल में ही मिला। 30 अप्रैल के बाद से वह लगातार हॉस्टल में ही है। अलीगढ़ पुलिस ने सरासर गलत किया है। मानवीय आधार पर हम पूरी दृढ़ता से विपिन के साथ खड़े हैं। उन्होंने बताया कि मैंने एसीपी भेलूपुर को व्हाट्सप के जरिए वास्तविकता की जानकारी और संबंधित प्रमाण भेज कर छात्र की मदद का अनुरोध किया है।
उधर, अलीगढ़ में टप्पल थाने के इंस्पेक्टर पुनीत द्विवेदी का कहना है कि विवेचना में यह बात सामने आई है उसी गांव के एक अन्य विपिन नाम का युवक घटना में नामजद है। उसके खिलाफ कार्रवाई जारी है।

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