भाजपा विधायक पर हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज

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देवरिया। देवरिया से भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी समेत 10 लोगों के खिलाफ गौरीबाजार थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और सपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई मारपीट के मामले में कोर्ट के आदेश पर हत्या के प्रयास, लूट और बलवा समेत विभिन्न धाराओं में यह एफआईआर दर्ज हुई है। देवरिया पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की है। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान 2 मार्च 2022 की रात देवरिया के गौरीबाजार थाना क्षेत्र के करमाजीतपुर गांव के रहने वाले अशोक निषाद के घर मंदिर में मूर्ति स्थापना कार्यक्रम के दौरान विवाद हुआ था। उस मामले में पूर्व विधायक स्व. जन्मेजय सिंह के बेटे और सपा प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह पिंटू के भाई श्रीप्रकाश सिंह ने भाजपा प्रत्याशी शलभ मणि त्रिपाठी समेत 10 के खिलाफ आरोप लगाते हुए गौरीबाजार पुलिस को तहरीर दी थी। मुकदमा दर्ज नहीं होने पर एसीजेएम कोर्ट में गुहार लगाई। एसीजेएम ने प्रार्थना पत्र को संज्ञान में लेते हुए गौरीबाजार पुलिस को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का निर्देश दिया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी, मयंक ओझा, सुनील ओझा, सिद्धार्थ ओझा पुत्रगण सुधाकर ओझा, मुकेश शर्मा, सर्वेश मिश्र, कमलेश मिश्र, संजय केडिया, प्रमोद सिंह और महर्षि मणि त्रिपाठी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। विधानसभा चुनाव का प्रचार समाप्त हो चुका था। 3 मार्च को चुनाव के लिए मतदान होना था। 2 मार्च 2022 की रात में करमाजीतपुर के रहने वाले अशोक निषाद के घर एक कार्यक्रम था। जिसमें शामिल होने के लिए भाजपा और सपा कार्यकर्ता गए हुए थे। उसी दौरान दोनों पक्षों के जमकर मारपीट हुई थी। इस घटना में आशुतोष ओझा की तहरीर पर सपा प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह पिटू, श्रीप्रकाश सिंह, ज्ञान प्रकाश सिंह पुत्र, पिटू यादव, हर्ष शर्मा, रघुराज प्रताप, राजू सिंह सैंथवार, धनेश यादव व तीन अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। गिरफ्तारी नहीं होने पर तत्कालीन एसपी डॉ. श्रीपति मिश्र ने 13 अप्रैल 2022 को सपा प्रत्याशी समेत आठ नामजद आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस ने इस मामले में 10 मई को भवनाथ यादव, संजय यादव, संजीव यादव उर्फ संदीप और भरत यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं। देवरिया सदर से विधायक शलभ मणि त्रिपाठी इस घटना से जुड़ा बच्चा-बच्चा जानता है कि मैं मौके पर नहीं था। भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले की सूचना पर तत्कालीन डीजीपी, डीएम और एसपी से बात करते हुए घटनास्थल पर पहुंचा। इस बात का गवाह मेरा सरकारी गनर भी है। इसके बावजूद कोर्ट के निर्णय का सम्मान है। भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला और अपमान का विरोध करने के लिए ऐसे सैकड़ों मुकदमे झेलने को तैयार हूं।

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