शिवपाल ने घोषित किये 8 प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष

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लखनऊ। शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के 8 प्रकोष्ठ ओके अध्यक्ष का ऐलान किया है। एक दिन पहले लखनऊ में बयान देते हुए शिवपाल ने कहा था कि हम 2024 की चुनाव की तैयारी में जुटे हैं जल्दी हम नए प्रकोष्ठ और संगठन के पदाधिकारियों का ऐलान करेंगे। शुक्रवार को शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के 8 प्रकोष्ठ के अध्यक्षों का ऐलान किया गया। बता दें 2022 के चुनाव परिणाम के बाद से अखिलेश और शिवपाल के बीच में दूरियां बढ़ती ही जा रही है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव ने पत्र जारी करते हुए जानकारी दिए कि युवजन जनसभा के दोबारा अध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी बनाए गए। यूथ ब्रिगेड के नितिन कोहली, छात्र सभा का दिनेश यादव को बनाया गया। लोहिया वाहिनी का प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर मोहम्मद आलम खान को बनाया गया। पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल वर्मा और महिला सभा के प्रदेश अध्यक्ष सम्मी बोहरा को बनाया गया।

 सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संगीता यादव तो अजीत यादव को अधिवक्ता महासभा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। शिक्षक सभा का प्रदेश अध्यक्ष रवि यादव को बनाया गया है। ट्वीट करके शिवपाल ने अखिलेश को लेकर बयां किया था दर्द बीते 3 मई को शिवपाल यादव नेईद के मौके पर अखिलेश यादव पर सवाल उठाते हुए अपना दर्द बयां किया था। शिवपाल ने कहा था। जिसे मैंने चलना सिखाया समझिए आखिर कौन सी मजबूरी होगी जिसकी वजह से आज इतना मुझे कष्ट पहुंचा है। वहीं 5 मई को अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को सलाह देते हुए कहा, शिवपाल जी अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, वो अपने दल को मजबूत करें। यह बीते गुरुवार को झांसी में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा था कि शिवपाल जी की अपनी पार्टी है और वह इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। सपा ने उन्हें सिर्फ चुनाव के लिए चुनाव चिह्न दिया था। जब आप किसी को चुनाव चिह्न देते हैं, तो आपको उस व्यक्ति को (पार्टी का) सदस्य बनाना होता है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल ने 2018 में अपने भतीजे अखिलेश यादव के साथ विवाद के बाद पार्टी का गठन किया था। वहीं 2022 विधानसभा चुनाव में शिवपाल ने अखिलेश की सपा से गठबंधन किया और जसवंत नगर निर्वाचन क्षेत्र से सपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा, जीत भी हासिल की। चुनाव बाद शिवपाल यादव सपा में खुद को उपेक्षित महसूस करने लगे। सपा से बढ़ते तनाव के बीच उनका झुकाव भाजपा की तरफ देखा जाने लगा। माना जा रहा है कि वो भाजपा में जा सकते हैं। हालांकि खुद शिवपाल इस स्थिति पर अभी साफ नहीं कहा है। उनका कहना है कि समय आने पर फैसला सबके सामने लाया जायेगा।

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